खस्ताहाल सड़कों पर मानसून तो कभी प्रदूषण का बहाना
लगभग एक साल से टूटी सड़कों की मरम्मत के नाम पर सरकारी महकमों की बहानेबाजी चल रही है। बीच में मानसून की बारिश में तीन महीने निकल गए तो अब प्रदूषण फैलने के कारण निर्माण कार्य बंद हुए तो सड़कों की मरम्मत का काम भी ठप हो गया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : लगभग एक साल से टूटी सड़कों की मरम्मत के नाम पर सरकारी महकमों की बहानेबाजी चल रही है। बीच में मानसून की बारिश में तीन महीने निकल गए तो अब प्रदूषण फैलने के कारण निर्माण कार्य बंद हुए तो सड़कों की मरम्मत का काम भी ठप हो गया। समय पर सड़कों को दुरुस्त नहीं करवाने के चलते इसका खामियाजा शहर की जनता भुगत रही है।
निगम क्षेत्र की सड़कों के पैचवर्क का कार्य एक निजी एजेंसी को सौंपा गया है, वहीं जीएमडीए की सड़कों की मरम्मत भी अधर में है। टूटी सड़कों के कारण रोजाना हादसे हो रहे हैं। निगम अधिकारियों ने 30 नवंबर तक सड़कों की मरम्मत करने के दावे किए थे, लेकिन काफी सड़कें ऐसी हैं जिन पर चलना दूभर हो गया है।
ट्रैफिक जाम की परेशानी बढ़ी
टूटी सड़कों पर वाहनों के धीरे चलने के कारण लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है। इससे दस मिनट के सफर में भी आधे घंटे से ज्यादा समय लग रहा है। पूरा पटौदी रोड टूट चुका है। शहर के सेक्टर चार व नौ चौक सड़क पूरी तरह टूट चुकी है। सेक्टर चार में पिछले काफी दिनों से एक सड़क धंसी हुई है। बस स्टैंड के नजदीक चल रहे अंडरपास और फ्लाइओवर निर्माण के लिए सड़कों को खोद दिया गया है। यहां पर सड़क पर सीवर का पानी भी बह रहा है।
धूल उड़ने से फैल रहा प्रदूषण
जर्जर सड़कों पर वाहन चलने के दौरान धूल उड़ने के कारण प्रदूषण भी बढ़ रहा है। ऐसी सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिग मशीनों से सफाई नहीं हो पा रही है। हालांकि निगम अधिकारियों का दावा है कि 13 मैकेनिकल स्वीपिग मशीनें सड़कों की सफाई में लगी है, लेकिन हालात ये है कि सड़कें मशीनों से सफाई के लायक नहीं हैं।