नहीं थमा अभी सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण का विवाद

सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण को लेकर गुर्जर व राजपूतों के बीच कई दिनों से चला आ रहा विवाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के बाद भी नहीं थमा है। वाट्सएप फेसबुक से लेकर ट्विटर पर भाजपा नेताओं के खिलाफ जबरदस्त माहौल बन गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 09:08 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 09:08 PM (IST)
नहीं थमा अभी सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण का विवाद
नहीं थमा अभी सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण का विवाद

राजीव वशिष्ठ, दादरी (गौतमबुद्ध नगर): सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण को लेकर गुर्जर व राजपूतों के बीच कई दिनों से चला आ रहा विवाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के बाद भी नहीं थमा है। वाट्सएप, फेसबुक से लेकर ट्विटर पर भाजपा नेताओं के खिलाफ जबरदस्त माहौल बन गया है। सामाजिक नेताओं के साथ विरोधी दलों ने इस आग में घी डालने का काम शुरू कर दिया है। प्रतिमा से गुर्जर शब्द हटाने को गुर्जर समाज ने अपने स्वाभिमान से जोड़ते हुए 26 सितंबर को दादरी में महापंचायत का ऐलान कर दिया है। राजपूत और गुर्जर दोनों ही समुदाय के लोगों का कहना है कि सम्राट मिहिर भोज उनके वंशज थे।

दादरी के मिहिर भोज कॉलेज में प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को किया था। गुर्जर विद्या सभा ने प्रतिमा पर गुर्जर सम्राट मिहिर भोज लिखवाया था। राजपूत समाज ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि सम्राट मिहिर भोज राजपूत थे। कई दिनों तक इस पर विवाद चला। अनावरण से एक दिन पहले तक प्रतिमा पर गुर्जर सम्राट मिहिर भोज लिखा हुआ था। गुर्जर विद्या सभा और राजपूत समाज से जुड़े लोगों ने ग्रेटर नोएडा में संयुक्त प्रेसवार्ता कर विवाद थमने का दावा भी किया था। तब यह माना गया था कि विवाद अब शांत हो जाएगा, लेकिन रात में प्रतिमा से गुर्जर शब्द हटा दिया गया। हालांकि, गुर्जर शब्द हटने के बाद करणी सेना ने खुशी जाहिर करते हुए अपने तेवर नरम कर दिए हैं, लेकिन गर्जुरों में बृहस्पतिवार को जबरदस्त नाराजगी देखी गई। इंटरनेट मीडिया के जरिए उन्होंने भाजपा नेताओं को जमकर खरीखोटी सुनाई। दादरी में 26 सितंबर को गुर्जर स्वाभिमान बचाओ महापंचायत का ऐलान किया है। महापंचायत को लेकर इंटरनेट मीडिया पर जबरदस्त प्रचार किया जा रहा है, लेकिन जिले के बड़े नेताओं ने इस मुद्दे से खुद को दूर रखते हुए चुप्पी साध ली है।

गुर्जर समाज के रविद्र भाटी व श्याम सिंह भाटी सहित भारी संख्या में लोगों ने कहा कि गुर्जर समाज ने चंदा इकट्ठा कर गुर्जर समाज मिहिर भोज की मूर्ति बनवाई थी। मूर्ति के लिए सरकार से किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं ली गई। मूर्ति से गुर्जर शब्द हटाने का किसने अधिकार दे दिया? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने गुर्जर समाज के गौरवशाली इतिहास को मिटाने का जो काम किया है। भाजपा और उसके नेताओं को इसका जवाब देना होगा। उन्होंने दावा किया कि महापंचायत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से गुर्जर समाज के लोग शामिल होंगे।

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