महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क में गंदगी की भरमार
रखरखाव के अभाव में शहर के सबसे बड़े पार्क में शुमार सेक्टर-29 स्थित लेजर वैली पार्क गंदगी का प्रतीक बन चुका है। कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: रखरखाव के अभाव में शहर के सबसे बड़े पार्क में शुमार सेक्टर-29 स्थित महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क (लेजर वैली पार्क) गंदगी का प्रतीक बन चुका है। कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। घुमंतू पशु दिन भर विचरण करते रहते हैं। इस वजह से धीरे-धीरे पार्क में टहलने वाले लोगों की संख्या कम होती जा रही है।
महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क में शहर के काफी इलाकों से लोग सुबह-शाम टहलने के लिए पहुंचते हैं। पिछले कुछ दिनों से साफ-सफाई के ऊपर ध्यान न दिए जाने के कारण चारों तरफ गंदगी का आलम है। इससे मच्छरों का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लेजर वैली पार्क एसोसिएशन से जुड़े लोगों का कहना है कि लंबे समय से यह कहा जा रहा है कि इस पार्क को माडल पार्क बनाया जाएगा लेकिन यह बात कागजों में ही अब तक है। स्थिति यह है कि दिन प्रतिदिन पार्क की हालत बेहतर होने की बजाय दयनीय होती जा रही है। बता दें कि पहले पार्क के रखरखाव की जिम्मेदारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पास थी लेकिन अब जिम्मेदारी गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के पास है। पार्क में गंदगी इतनी अधिक हो चुकी है कि हर तरफ मच्छरों का प्रकोप है। बेसहारा पशु दिन भर घूमते रहते हैं। ऐसे में लोग कैसे टहलने के लिए पार्क में पहुंचेंगे। शहर का माडल पार्क बनाने के ऊपर जोर दिया जाए।
-रविद्र जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता व महासचिव, लेजर वैली पार्क एसोसिएशन पिछले कुछ दिनों के दौरान पार्क की हालत बद से बदतर हो गई है। हर तरफ गंदगी का आलम है। ऐसा लगता है जैसे पार्क के ऊपर किसी का ध्यान ही नहीं। जल्द से जल्द व्यवस्था बेहतर करने पर जोर देना चाहिए।
-भूपेंद्र सिंह, निवासी सुखराली पार्क में इतनी सुविधाएं होनी चाहिए कि दूर-दूर से लोग इसका आनंद लेने के लिए पहुंच सकें। इसे शहर का माडल पार्क बनाना चाहिए। माडल पार्क बनाने की बात तो दूर मूलभूत सुविधाएं भी पार्क में उपलब्ध नहीं हैं।
-राजकुमार भड़ाना, निवासी सुखराली एन्क्लेव
पार्क के रखरखाव के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अगले 15 दिनों के भीतर पार्क की हालत में काफी सुधार दिखाई देगा। लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप पार्क को विकसित किया जाएगा। इस बारे में पूरी योजना तैयार कर ली गई है।
-सुभाष यादव, प्रभारी, पर्यावरण शाखा (जीएमडीए)