लाइफस्टाइल :अपना गम लेकर कहीं और न जाया जाए, घर में बिखरी हुई चीजों को सजाया जाए..

इन दिनों वर्क फ्राम होम में घरों की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सुसज्जित सुव्यवस्थित और करीने से सजी चीजों से बना सुहावना वातावरण अब अस्त-व्यस्त ड्राइंग रूम बिखरा हुआ बच्चों का कमरा और बेतरतीबी से रखी किताबें और कपड़े।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:40 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:40 PM (IST)
लाइफस्टाइल :अपना गम लेकर कहीं और न जाया जाए, घर में बिखरी हुई चीजों को सजाया जाए..
लाइफस्टाइल :अपना गम लेकर कहीं और न जाया जाए, घर में बिखरी हुई चीजों को सजाया जाए..

प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम

इन दिनों वर्क फ्राम होम में घरों की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सुसज्जित, सुव्यवस्थित और करीने से सजी चीजों से बना सुहावना वातावरण अब अस्त-व्यस्त ड्राइंग रूम, बिखरा हुआ बच्चों का कमरा और बेतरतीबी से रखी किताबें और कपड़े। हो भी क्यों न जब छोटे से मकान में जहान सिमट गया हो तो। इन दिनों रूटीन बिगड़ा हुआ है, दिनचर्या ऐसी कि घर मैराथन का ट्रैक जान पड़ता है, सबको जल्दी है। बिखेरने के लिए सब हैं, व्यवस्थित करने वाला कोई नहीं। ऐसे में घर में फैली चीजों से मानसिक स्वास्थ्य और प्रभावित हो रहा है। मनोविज्ञानी और वास्तु विशेषज्ञ कहते हैं कि बढ़ते हुए तनाव को कम करने के लिए कहीं और जाने की जरूरत ही नहीं है, बस अपने घर को व्यवस्थित कर लिया जाए। तनाव का कारण बन रहा बिखरा घर: पहले बाहर से आते ही घर में सुकून की अनुभूति होती थी। अब जबकि रहना ही घर में है तो घर में वो सुकून के पल भी नसीब नहीं हो रहे हैं। इसका बड़ा कारण है कि सभी के घर में रहते हुए स्कूल, आफिस और घर के कामों से सामान बिखरने लगा है। वास्तु विशेषज्ञ अनुभा सोनी का कहना है कि अस्त-व्यस्त चीजों का दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। आसपास अगर व्यवस्था हो तो एक तरह की ताजगी और सकारात्मकता मिलती है, लेकिन इसके विपरीत अगर सब कुछ बिखरा हुआ हो तो दिमाग में भी हलचल मची रहती है। लाइफस्टाइल कोच वैदेही चंद्रा का कहना है कि किसी तरह के अतिरिक्त प्रयास की जरूरत नहीं है, मानसिक सुकून के लिए इतना कर लिया जाए कि घर की चीजों को समेट लिया जाए ताकि घर घर लगने लगे। प्रोफेशनल्स का भी लिया जा रहा है सहारा: घरों में क्लीनिग और डीक्लटरिग सुविधा प्रदान करने वाली कंपनी की संचालक रिनी मेहरा का कहना है कि दीवाली की तरह इस समय भी घरों पर चीजों को व्यवस्थित करने के लिए प्रोफेशनल हायर करने का चलन बढ़ा है। यह सुविधा देने वाली कंपनी के मार्केटिग हेड सौरभ सिंह का कहना है कि इस समय लोग घरों में ज्यादा समय बिता रहे हैं, तो उसे व्यवस्थित करने के लिए प्रोफेशनल बुला रहे हैं। तो आइए, सजाएं आशियां

लाइफस्टाइल कोच निमिषा राजपूत का कहना है कि अगर आप घर में सुकून और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह चाहते हैं तो अपने आशियाने को अपने हाथों से व्यवस्थित करें। उन्होंने घर समेटने के कुछ टिप्स दिए

- पहले एक-एक हिस्से से चीजों को व्यवस्थित करना शुरू करें

- समय कम होता है ऐसे में पूरा कमरा बिखेरना ठीक नहीं है, बस छोटे-छोटे कोनों से शुरुआत करें

- अपनी किताबों का कोना समेट लें, फिर दूसरे दिन कपड़ों का

- अपने बगीचे में बिखरे अतिरिक्त सामान को हटाएं, जो नहीं काम का हो, उसे कबाड़ में दें

- सभी को टास्क दें कि वे अपना हिस्सा व्यवस्थित करें, इससे ध्यान बटेगा और रचनात्मकता का भाव आएगा।

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