लाइफस्टाइल: स्वास्थ्य जागरूकता की लहर में फैशन ने पहना ऑर्गेनिक लिबास
बदलते मौसम और स्वास्थ्य के लिहाज से बढ़ती चुनौतियों के इस दौर में फैशन इंडस्ट्री भी प्रभावित हुई है।
प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम
बदलते मौसम और स्वास्थ्य के लिहाज से बढ़ती चुनौतियों के इस दौर में फैशन इंडस्ट्री भी प्रभावित हुई है। इस समय डिजाइनर्स ऑर्गेनिक व ब्रीदेबल फैब्रिक के परिधान डिजाइन कर रहे हैं। हालांकि डिजाइनर्स का कहना है कि इस समय इंडस्ट्री पर भी पूरा प्रभाव पड़ा है लेकिन एक बदलाव यह भी देखने को मिल रहा है कि लोग अब फैशन में भी बचाव के उपाय तलाश रहे हैं। डिजाइनर्स का कहना है कि ऑर्गेनिक फैब्रिक लाइफस्टाइल का हिस्सा बन रहा है और स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहतर है लेकिन मौजूदा चुनौतियां के लिए इसे रामबाण करार देना सही नहीं है। हैंडमेड कॉटन को तरजीह
गहरे रासायनिक रंगों व केमिकली ट्रीट किए हुए फैब्रिक से बने कपड़ों को लेकर लोगों की विमुखता कुछ समय से देखने को मिल रही है लेकिन अब बदलते मौसम के साथ आईं बीमारियों से बचने के लिए भी लोग फैशन के इस नए विकल्प की ओर रुख कर रहे हैं। अब हैंडमेड कॉटन, बांस की छाल से बने फैब्रिक, बिना अनुवांशिक रूप से संशोधित किए गए बीजों से तैयार इकोफ्रेंडली कपड़े पहले केवल बड़े डिजाइनर्स की फैशन लाइन में नजर आ रहे थे लेकिन अब इसको लेकर हर वर्ग में रुचि बढ़ी है। बांस व प्राकृतिक धागों से बन रहा फैब्रिक
ऑर्गेनिक फैशन लाइन में कार्बनिक कॉटन, बैंबू फैब्रिक, हाथ से बुनी खादी आदि का उपयोग किया जाता है। इसमें रंग भी प्राकृतिक तत्वों से किए जाते हैं। यह वस्त्र त्वचा पर किसी प्रकार की एलर्जी नहीं करते व गर्मियों में यह वस्त्र स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित होते हैं। इस बारे में दिल्ली की डिजाइनर अंकिता का कहना है कि ऑर्गेनिक फैशन बाजार ने जबरदस्त गति पकड़ी है और बड़े शहरों में लोग इस फैशन हो हाथों-हाथ ले रहे हैं। इन कपड़ों को अब कंफर्ट के साथ-साथ स्वास्थ्य से जोड़कर देखा जा रहा है। इंडियन से लेकर वेस्टर्न तक छाया ऑर्गेनिक
फैशन डिजाइनर विभा आर सिंह के मुताबिक, अब साड़ियों से लेकर टॉप व पैंट्स तक ऑर्गेनिक फैब्रिक में बनाए जा रहे हैं। ऐसे में लोग अब कॉटन, खादी, जूट व बैंबू कॉटन अपना रहे हैं। इन दिनों नीम से डाई किए हुए ऑर्गेनिक परिधान भी शॉपिग साइटों पर धूम मचा रहे हैं। पिछले कुछ समय से डिजाइनर्स इस तरह के फैब्रिक पर काम कर रहे हैं। इस समय आई चुनौतियों के बीच लोग इस ओर ज्यादा संख्या में आकर्षित हो रहे हैं। हालांकि फैब्रिक से ज्यादा साफ सफाई व सतर्कता ही वायरस व बैक्टीरिया से बचा सकती है लेकिन इस फैब्रिक से त्वचा पर संक्रमण आदि होने का खतरा नहीं रहता।
- लावण्या मदान, फैशन स्टाइलिस्ट ऑर्गेनिक फैब्रिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के साथ-साथ पर्यावरण को भी शुद्ध रखते हैं। क्योंकि इस तरह के फैब्रिक में केमिकल आदि का प्रयोग नहीं किया जाता। ऐसे में पर्यावरण को हानि नहीं पहुंचती, अन्य तरह के फैब्रिक में रसायनों का उपयोग होता है जिससे पर्यावरण प्रदूषण होता है। इससे किसी तरह के वायरस से बचा जा सकता है, ऐसा नहीं है।
- बार्बी वोहरा, फैशन ब्लॉगर