निवेशकों को आकर्षित करने को कम किए जाएं जमीनों के भाव

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में जब से प्रदेश में सरकार बनी है तब से औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 07:45 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 07:45 PM (IST)
निवेशकों को आकर्षित करने को कम किए जाएं जमीनों के भाव
निवेशकों को आकर्षित करने को कम किए जाएं जमीनों के भाव

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

मुख्यमंत्री मनोहरलाल के नेतृत्व में जब से प्रदेश में सरकार बनी है तब से औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। वर्ष 2016 में गुरुग्राम स्थित होटल लीला में हैपनिग हरियाणा ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया, जिसमें दुनिया के कई देशों के निवेशकों ने शिरकत की थी। यहां 600 से अधिक एमओयू हुए थे। निवेश की इच्छा जताते वाले इन निवेशकों ने धरातल पर इस एमओयू को लाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा निवेशकों को लुभाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। फिर भी उम्मीद के मुताबिक इस दिशा में सफलता मिलती नहीं दिख रही है। उद्यमियों का कहना है कि प्रदेश में निवेश के इच्छुक निवेशकों में से 80 फीसद से अधिक की गुरुग्राम होगा। यहां जमीन के भाव इतने अधिक हैं कि निवेशक यहां उद्योग लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं।

साइबर सिटी के उद्यमियों का कहना है कि यदि प्रदेश सरकार गुरुग्राम को निवेश का हब बनाना चाहती है तो उसे जमीनों के भाव के बारे में विचार करना होगा। गुरुग्राम के मुकाबले राजस्थान के औद्योगिक हब में जमीनों के भाव में जमीन-आसमान का अंतर है। गुरुग्राम के उद्योग विहार औद्योगिक क्षेत्र में जहां बड़े प्लाटों का बाजार भाव लगभग एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर है वहीं छोटे प्लाटों की कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर है। वहीं आइएमटी मानेसर औद्योगिक क्षेत्र स्थित औद्योगिक प्लाट का बाजार भाव लगभग 40,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। इनका सरकारी रेट 20,000 से 25,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। वहीं सेक्टर-37 स्थित औद्योगिक क्षेत्र में प्लाट का बाजार भाव 40,000 से 50,000 रुपये व सरकारी भाव 33,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है।

उद्यमी मनोज जैन का कहना है कि यदि राजस्थान स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित प्लाटों की बात की जाए तो इनकी कीमत लगभग 5,000 से 6,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। जो कि गुरुग्राम की तुलना में काफी कम हैं। उद्यमियों का कहना है कि इसी के आसपास के भाव गुरुग्राम में भी होने चाहिए। दक्षिण कोरिया के निवेशकों द्वारा भी गुरुग्राम में संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। औद्योगिक निवेशकों को गुरुग्राम पसंद रहा है। वह यहां निवेश के इच्छुक भी हैं। मगर यहां जमीन का भाव काफी ज्यादा है। जिससे वह यहां निवेश का साहस नहीं जुटा पाते हैं।

- दीपक मैनी, उद्यमी गुरुग्राम में नए औद्योगिक निवेश की गति धीमी होने का सबसे बड़ा कारण यहां जमीनों के भाव अधिक होना है। यदि प्रदेश सरकार निवेशकों को सस्ती दर पर जमीन मुहैया कराए तो निवेश के मामले में स्थिति बेहतर हो जाएगी।

- प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन

chat bot
आपका साथी