सीवर के शोधित पानी से केएमपी पर छाएगी हरियाली
सीवर के शोधित पानी से केएमपी पर हरियाली छाएगी। इसके लिए जीएमडीए द्वारा मानेसर से पंचगांव क्लोवरलीफ तक पांच किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। दस एमएलडी शोधित पानी केएमपी तक पहुंचाया जाएगा।
संदीप रतन, गुरुग्राम
सीवर के शोधित पानी से कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस (केएमपी) वे पर हरियाली छाएगी। इसके लिए जीएमडीए (गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिटी) द्वारा मानेसर से पंचगांव क्लोवरलीफ तक पांच किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। दस एमएलडी शोधित पानी केएमपी तक पहुंचाया जाएगा। बता दें कि सीवर के शोधित पानी का उपयोग बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक पालिसी बनाई हुई है। वर्ष 2030 तक शोधित पानी का इस्तेमाल 80 फीसद तक करने का लक्ष्य रखा गया है और सरकारी महकमों और निकायों को इसका उपयोग बढ़ाने के लिए कहा गया है ताकि पानी की हर बूंद को बचाया जा सके। जीएमडीए की ओर से फिलहाल ताऊ देवीलाल स्टेडियम और बाटेनिकल गार्डन में शोधित पानी को पौधों की सिचाई के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
केएमपी पर बनी है 30 मीटर चौड़ी ग्रीन बेल्ट
कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे (केएमपी) पर 30 मीटर चौड़ी ग्रीन बेल्ट डिवाइडर पर बनी हुई है। इस ग्रीन बेल्ट में पौधे लगे हुए हैं लेकिन टैंकर आदि के जरिए इनमें सिचाई की जाती है। मानेसर में 55 एमएलडी क्षमता का सीईटीपी (कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट ) है और यहां पर 45 से 48 एमएलडी शोधित पानी उपलब्ध है। केएमपी पर पटौदी चौक से पंचगांव क्लोवरलीफ तक पांच किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। पाइप लाइन बिछाने पर लगभग पांच करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यहां से पूरे एक्सप्रेस-वे की ग्रीन बेल्ट की सिचाई करने का प्लान बनाया गया है।
कासन वन क्षेत्र में भी भेजा जाएगा शोधित पानी
कासन के वन क्षेत्र में भी सीवर के शोधित पानी का उपयोग पेड़-पौधों में सिचाई के लिए किया जाएगा। पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जाएगा। शोधित पानी का उपयोग हरियाली बढ़ाने में होने से इसको ड्रेनों में छोड़ने की जरूरत नहीं होगी।
- पाइप लाइन बिछाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। मार्च तक पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। गुरुग्राम में 46 फीसद शोधित पानी का उपयोग सिचाई कार्यों के लिए किया जा रहा है।
प्रदीप कुमार, मुख्य अभियंता जीएमडीए।