सड़कों के किनारे खड़े रहते हैं वाहन, कैसे पैदल चलें लोग
शहर में किसी भी सड़क के किनारे फुटपाथ नहीं है। किनारे में जगह-जगह वाहन खड़े रहते हैं। ऐसे में पैदल लोग किसी भी सड़क से जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं। अक्सर हादसे होते रहते हैं।
आदित्य राज, गुरुग्राम
शहर में किसी भी सड़क के किनारे फुटपाथ नहीं है। किनारे में जगह-जगह वाहन खड़े रहते हैं। ऐसे में पैदल लोग किसी भी सड़क से जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं। अक्सर हादसे होते रहते हैं। जीएमडीए के कर्मचारी एवं ट्रैफिक पुलिसकर्मी सड़कों के किनारे से वाहनों को हटाने के नाम पर खानापूर्ति करते दिखाई देते हैं।
जिले में हर साल सैकड़ों लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है। सैकड़ों लोग घायल होते हैं। इस साल ही अब तक लगभग 250 लोगों की मौत हो चुकी है। वैसे तो अधिकतर हादसे वाहनों की तेज रफ्तार की वजह से होते हैं लेकिन कुछ हादसे सड़कों के किनारे खड़े वाहनों की वजह से भी होते हैं। तीन दिन पहले ही शंकर चौक पर हाईवे के किनारे खड़े वाहन से बाइक टकरा गई थी। इससे बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई थी। शहर के भीतर कोई भी सड़क ऐसी नहीं है जिसके किनारे जगह-जगह वाहन खड़े नहीं रहते हैं। अग्रवाल धर्मशाला चौक के नजदीक सिविल लाइन रोड, रेलवे रोड के किनारे, शीतला माता रोड के किनारे, झाड़सा रोड के किनारे पूरे दिन कुछ वाहन खड़े रहते हैं। इसी तरह डीएलएफ, सुशांत लोक, साउथ सिटी सहित सभी इलाकों की सड़कों के किनारे जगह-जगह वाहन खड़े रहते हैं। यहां तक कि जगह-जगह पुलिस की तैनाती के बाद भी एमजी रोड के किनारे भी वाहन खड़े दिखाई दे देंगे। जब कहीं हादसा होता है तो जीएमडीए के कर्मचारी एवं ट्रैफिक पुलिसकर्मी सक्रियता दिखाते हैं। गड्ढों को भरने पर नहीं ध्यान
कभी बिजली की लाइन डालने के नाम पर तो कभी पाइप लाइन डालने के नाम पर सड़कों के किनारे खोदाई की जाती है। काम पूरा होने के बाद गड्ढों को सही से भरा नहीं जाता है। नतीजा यह है कि गड्ढों से होकर लोग पैदल निकलते हैं। कुछ महीने पहले झाड़सा रोड के किनारे खोदाई की गई थी लेकिन आज तक मरम्मत के ऊपर ध्यान नहीं दिया गया। हीरो होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक तक जाने वाली सड़क के किनारे जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं। सीवर का पानी भी जमा रहता है। उसी से होकर पैदल लोग गुजरने को मजबूर हैं। इसी तरह का हाल शहर के अधिकतर सड़कों के किनारे है। सड़कों के किनारे वाहनों को खड़ा किए जाने से पैदल चलने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। इस बारे में मैं कई बार गुरुग्राम पुलिस को लिख चूका हूं। इसके बाद भी गंभीरता नहीं बरती जा रही है। फुटपाथ है नहीं फिर लोग पैदल कैसे चलें।
दीपक कटारिया, अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता सड़कों के किनारे खड़े वाहनों को उठाने के ऊपर जोर दिया जा रहा है। इस दिशा में और सक्रियता दिखाई जाएगी। लोगों से भी अपील है कि वे सड़कों के किनारे वाहन खड़े न करें। इससे भी हादसे होते हैं।
-रविद्र सिंह तोमर, पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक), गुरुग्राम