वाहनों की तेज रफ्तार से जा रही लोगों की जान

हर साल सैकड़ों लोग सड़क हादसों के शिकार हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण वाहनों की रफ्तार है। इसके अलावा अपनी लेन में भारी वाहनों का नहीं चलना एवं सड़कों के किनारे वाहनों को पार्क करना आदि कई मुख्य कारण हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:58 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 08:37 PM (IST)
वाहनों की तेज रफ्तार से जा रही लोगों की जान
वाहनों की तेज रफ्तार से जा रही लोगों की जान

आदित्य राज, गुरुग्राम

हर साल सैकड़ों लोग सड़क हादसों के शिकार हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण वाहनों की रफ्तार है। इसके अलावा अपनी लेन में भारी वाहनों का नहीं चलने एवं सड़कों के किनारे वाहनों को पार्क करने सहित आदि कई मुख्य कारण हैं। हाईवे पर ही नहीं बल्कि शहर के भीतर की सड़कों पर भी इतनी तेज रफ्तार से वाहन चलाए जाते हैं कि जब तक ब्रेक लगाई जाती है तब तक हादसा हो जाता है। ढांचागत विकास की कमी भी हादसों के लिए जिम्मेदार है। बच्चों के ऊपर उनके अभिभावकों का नियंत्रण कम होने से भी हादसे बढ़ रहे हैं। कम उम्र के बच्चे शराब के नशे में कार चलाते हैं। दो महीने पहले डीएलएफ इलाके में हुआ हादसा इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। कार की रफ्तार इतनी अधिक थी कि वह डिवाइडर को पार करती हुई दूसरी तरफ जाकर बाइक से टकरा गई थी। टक्कर इतनी भीषण थी कि मौके पर ही बाइक चालक की मौत हो गई थी।

जिले में सबसे अधिक हादसे दिल्ली-जयपुर हाईवे, गुरुग्राम-सोहना रोड एवं गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर होते हैं। इनमें से दिल्ली-जयपुर हाईवे की पहचान खूनी हाईवे के रूप में बनती जा रही है। प्रतिदिन कहीं न कहीं हादसे होते हैं। हाईवे पर अधिकतर ट्रक, डंपर, कैंटर न केवल काफी तेज रफ्तार में चलते हैं बल्कि अपनी लेन में भी नहीं चलते हैं। इस वजह से हादसे होते हैं। यही नहीं अधिकतर भारी वाहन ओवरलोड होते हैं। कुछ महीने पहले इफको चौक के नजदीक आगे चल रही एक बस से कार टकरा गई थी। कार की रफ्तार इतनी अधिक थी कि उसका काफी हिस्सा बस में घुस गया था। इससे कार में बैठे दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस तरह के हादसे दिल्ली-जयपुर हाईवे पर अक्सर होते रहते हैं। इसी सप्ताह सोमवार सुबह शीतला माता रोड पर एक कार कैंटर में पीछे से टकरा गई। रफ्तार अधिक होने से कार कैंटर के नीचे घुस गई। इससे मौके पर ही एक की मौत हो गई। सभी सड़कों के किनारे खड़े रहते हैं वाहन: दिल्ली-जयपुर हाईवे हो या फिर अन्य कोई सड़क सभी के किनारे वाहन खड़े रहते हैं। इससे भी हादसे होते हैं। खासकर कोहरे के दौरान कई बार किनारे खड़े वाहन नहीं दिखाई देते हैं। इस बारे में कई बार शिकायत सामने आ चुकी है। कई बार वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई, लेकिन स्थिति जस की तस है। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजीव चौक से लेकर खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक तक एवं मानेसर से लेकर बिलासपुर के नजदीक दोनों तरफ जगह-जगह वाहन खड़े रहते हैं। शिकायत सामने आने पर ट्रैफिक पुलिस सक्रिय होती है फिर स्थिति जस की तस। पचगांव के नजदीक अंडरपास, बिलासपुर के नजदीक फ्लाईओवर नहीं बनाए जाने से अक्सर हादसे होते रहते हैं।

इन विषयों के ऊपर ध्यान देना होगा ध्यान

- शहर में ट्रैफिक एडवाइजरी की सुविधा उपलब्ध कराने के ऊपर जोर देना होगा।

- लोगों में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए प्रयास करना होगा।

- जहां से भी लोग सड़क पार करते हैं उन जगहों पर पुलिस की सक्रियता बढ़ानी होगी।

- ओवरलोड वाहनों पर लगाम लगाने के लिए 24 घंटे हाईवे पर पुलिस की सक्रियता बढ़ानी होगी।

- शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर पुलिस को सख्ती दिखानी होगी

- हाईवे हो या फिर अन्य सड़क सभी के प्रवेश व निकास की जगह रिफ्लेक्टर टेप लगाने की आवश्यकता है। जब तक ट्रैफिक नियमों के प्रति सख्ती नहीं बरती जाएगी तब तक बात नहीं बनेगी। जो लोग नियम तोड़ते हैं उनमें अधिकतर पढ़े-लिखे लोग ही होते हैं। क्या ऐसे लोगों को नियम बताने की आवश्यकता है। रफ्तार की रोमांच में लोगों की जानें जा रही हैं। साथ ही जहां कहीं भी फ्लाईओवर या अंडरपास बनाने की आवश्यकता है, उन पर ध्यान दिया जाएगा।

आरएल शर्मा, सड़क सुरक्षा अधिकारी व अध्यक्ष, पुलिस शहीद फाउंडेशन, गुरुग्राम अपनी लेन में नहीं चलने वाले वाहनों से लेकर तेज रफ्तार चलने वाले वाहनों के ऊपर नजर रखी जाती है। चालान भी किए जाते हैं। इसके बाद भी कुछ मनमानी करते हैं। उनके ऊपर और सख्ती बरती जाएगी। जहां तक ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता पैदा करने की है तो इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

- संजीव बल्हारा, सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक, मुख्यालय), गुरुग्राम

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