हादसों को रोकने के लिए तैयार नहीं साइबर सिटी
हर साल हाईवे पर सड़क हादसों की वजह से सैकड़ों लोग मौत के शिकार होते हैं। सैकड़ों लोग अपाहिज जैसी जिदगी जीने को मजबूर हो जाते हैं। हादसे से पूरा परिवार तबाह हो जाता है।
आदित्य राज, गुरुग्राम
हर साल हाईवे पर सड़क हादसों की वजह से सैकड़ों लोग मौत के शिकार होते हैं। सैकड़ों लोग अपाहिज जैसी जिदगी जीने को मजबूर हो जाते हैं। हादसे से पूरा परिवार तबाह हो जाता है। इसके बाद भी न वाहन चालक सुधरने को तैयार हैं और न ही प्रशासन संभलने को तैयार है। हाईवे पर इतनी तेज रफ्तार में वाहन चलते हैं कि जब तक चालक ब्रेक लगाता है तब तक सड़क पार कर रहा व्यक्ति टायर के नीचे आ जाता है या फिर आगे चल रहे वाहन से टक्कर हो जाती है। सर्दी के मौसम में कोहरे के दौरान सबसे अधिक हादसे होते हैं। इसे लेकर पुलिस प्रशासन की फिलहाल कुछ भी तैयारी नहीं है। न ही हाईवे पर जगह-जगह खासकर प्रवेश एवं निकास की जगह रिफ्लेक्टर लगाने पर ध्यान दिया गया है और न ही वाहन चालकों को जागरूक करने का काम शुरू किया गया है।
जिले में वैसे तो सभी सड़कों पर अक्सर हादसे होते रहते हैं लेकिन सबसे अधिक हादसे दिल्ली-जयपुर हाईवे, गुरुग्राम-सोहना रोड एवं गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर होते हैं। नियमानुसार हाईवे पर भारी वाहनों को सबसे बायीं ओर चलना चाहिए लेकिन हाईवे पर कोई नियम कानून नहीं दिखता। ओवरलोड वाहन 24 घंटे दौड़ते रहते हैं। कोहरे के दौरान कई बार ओवरलोड वाहनों के चलते-चलते पलटने की शिकायत सामने आ चुकी है। कुछ महीने पहले खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक एक ट्रक के पलटने से बाइक सवार की मौत हो गई थी। इसे देखते हुए कोहरे के दौरान ट्रैफिक पुलिस को विशेष सक्रियता दिखानी होगी।
इन जगहों पर दिखानी होगी अधिक सक्रियता
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सिरहौल बॉर्डर, शंकर चौक, इफको चौक, सिग्नेचर टावर चौक, राजीव चौक, हीरो होंडा चौक, गांव खांडसा के सामने, गांव नरसिंहपुर के सामने, गांव बेगमपुर खटोला के सामने, खेड़कीदौला टोल के नजदीक, पचगांव के सामने, बिलासपुर टोल प्लाजा के नजदीक, सिधरावली फ्लाईओवर के नजदीक एवं बिलासपुर चौक के नजदीक, गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर कुतुब प्लाजा मोड़, गांव घाटा मोड़ एवं बंधवाड़ी टोल प्लाजा के नजदीक, गुरुग्राम-सोहना रोड पर सुभाष चौक, वाटिका चौक, बादशाहपुर, कादरपुर मोड़, अलीपुर मोड़ के नजदीक पुलिस की सक्रियता कोहरे के दौरान बढ़ानी होगी। इन जगहों पर अक्सर हादसे होते रहते हैं।
इनके अलावा पटौदी एवं फरुखनगर रोड पर भी कई जगह, पालम विहार रोड पर अशोक विहार के सामने, श्रीकृष्ण चौक, रेजांगला चौक, रेलवे रोड पर न्यू कालोनी मोड़ के नजदीक, दौलताबाद फ्लाईओवर मोड़, दौलताबाद फ्लाईओवर से उतरते ही राजेंद्रा पार्क इलाके में, एमजी रोड पर ब्रिस्टल चौक के नजदीक भी हादसे होते रहते हैं। वर्ष हादसे मौत
वर्ष 2017 1214 481
वर्ष 2018 1075 442
वर्ष 2019 1205 433
(इनके अलावा हर साल सैकड़ों लोग घायल होते हैं)
. सभी वाहनों में फाग लाइट की सुविधा होनी चाहिए। वाहनों के चारों तरफ पीले रंग की रिफ्लेक्टर लाइन होनी चाहिए। रोड मार्किंग सही से दिखाई दे इसके लिए समय-समय पर पेंट करने की आवश्यकता है। रिफ्लेक्टर टेप या लाइन लगने से दूर से पता चल जाता है कि आगे कुछ है। सबसे बड़ी बात यह है कि जब तक चालक किसी हादसे को खुद से जोड़कर नहीं देखेंगे, तब तक वे सावधानी नहीं बरतेंगे। एक व्यक्ति से पूरा परिवार टूट जाता है।
- जेएस सुहाग, पूर्व सलाहकार, एनएचएआइ हाईवे से लेकर अन्य सड़कों पर जहां कहीं भी रिफ्लेक्टर या ब्लिकर्स लगाने की आवश्यकता है, वहां पर लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस बारे में एनएचएआइ से भी बात की गई है। इस सप्ताह के दौरान रिफ्लेक्टर व ब्लिकर्स लगाने का काम शुरू हो जाएगा। साथ ही वाहन चालकों को भी जागरूक करने पर जोर दिया जाएगा। लोगों से अपील है कि वे तेज रफ्तार में वाहन न चलाएं। जहां कहीं से भी लोग सड़क पार करते हैं उसके नजदीक पुलिस की सक्रियता बढ़ाई जाएगी।
-केके राव, पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम