कानूनी प्रावधानों के बारे में समाज को जागृत करना जरूरी

रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाले कानूनी प्रावधानों के बारे में समाज को जागृत करना जरूरी है। इसे लेकर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गुरुग्राम द्वारा मंगलवार को लीगल लिटरेसी क्लबों के शिक्षकों की एक बैठक हुई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Aug 2019 07:31 PM (IST) Updated:Tue, 20 Aug 2019 07:31 PM (IST)
कानूनी प्रावधानों के बारे में समाज को जागृत करना जरूरी
कानूनी प्रावधानों के बारे में समाज को जागृत करना जरूरी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाले कानूनी प्रावधानों के बारे में समाज को जागृत करना जरूरी है। इसे लेकर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गुरुग्राम द्वारा मंगलवार को लीगल लिटरेसी क्लबों के शिक्षकों की एक बैठक हुई। उन्हें बताया गया कि किस प्रकार से वह विद्यार्थियों के जरिए समाज को कानूनी तौर से जागरूक बना सकते हैं। जिला न्यायिक परिसर में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सदस्य सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र सिंह ने की।

बैठक में गुरुग्राम ब्लॉक के उन 52 स्कूलों के अध्यापक प्रभारियों ने हिस्सा लिया, जहां पर लीगल लिटरेसी क्लब चलाए जा रहे हैं। नरेंद्र सिंह ने बताया कि अब इन क्लबों को सक्रिय करते हुए जरूरी कानूनी प्रावधान के बारे में जानकारियां दी जाएंगी। इन अध्यापक प्रभारियों को अगले चार माह के लिए चार विषय दिए हैं। जिन पर आधारित गतिविधियां लीगल लिटरेसी क्लबों में चलाई जाएगी। इन विषयों में वरिष्ठ नागरिकों व अभिभावकों के कल्याण व रखरखाव, मानव तस्करी, मौलिक कर्तव्य, अपने आस-पास साफ-सफाई व बच्चों से संबंधित कानून आदि को शमिल किया गया है। तीन माह बाद चौथे माह फिर से इसी प्रकार की बैठक बुलाई जाएगी।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने क्लब की गतिविधियों का रिकॉर्ड रखने के लिए रजिस्टर लगाने के भी निर्देश दिए। कहा, तीन माह बाद विश्लेषण में जो अध्यापक प्रभारी लीगल लिटरेसी क्लब की गतिविधियों में रुचि नहीं लेता पाया जाएगा उसके खिलाफ विद्यालय शिक्षा विभाग के निदेशक को लिख दिया जाएगा। बैठक में डॉ. पिकी गोस्वामी द्वारा बाल मनोविज्ञान के बारे में जानकारी दी गई। वहीं अधिवक्ता मुनमुन गोयल ने बच्चों के विरूद्ध अपराधों पर भी चर्चा की गई।

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