स्टार्टअप्स के लिए बौद्धिक संपदा पेटेंट जरूरी

नेस्कॉम के उद्योग विहार फेज-1 स्थित सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में बृहस्पतिवार को यूज ऑफ पेटेंट इनफार्मेशन रिसोर्सेज विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 03:03 PM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 03:03 PM (IST)
स्टार्टअप्स के लिए बौद्धिक संपदा पेटेंट जरूरी
स्टार्टअप्स के लिए बौद्धिक संपदा पेटेंट जरूरी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नेस्कॉम) के उद्योग विहार फेज-1 स्थित सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में बृहस्पतिवार को 'यूज ऑफ पेटेंट इंफार्मेशन रिसोर्सेज' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में स्टार्टअप्स प्रतिनिधियों ने शिरकत की। इन सभी को बौद्धिक संपदा के पेटेंट और उनके महत्व के बारे में विस्तार से विशेषज्ञों द्वारा जानकारियां प्रदान की गईं।

यह सेमिनार यूरोपियन बिजनेस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (ईबीटीसी) एवं यूरोपियन पेटेंट ऑफिस (ईपीओ) के सहयोग से आयोजित किया गया। सेमिनार में वक्ता के रूप में मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आइटी के निदेशक डॉ. अजय कुमार गर्ग, ईबीटीसी के प्रबंध निदेशक पॉल वी. जेसेन, ईबीटीसी के आइपी हेड हाना ओंडर्कोव व नेस्कॉम के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस, गुरुग्राम के हेड सुधांशु मित्तल मौजूद रहे।

सेमिनार के दौरान टेक्नोलॉजी क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स को बौद्धिक संपदा के पेटेंट कराने के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जागरूक किया गया। उन्हें बताया गया कि पेटेंट इनफॉर्मेशन आज के दौर में उनके लिए कितना जरूरी है। सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद डॉ. अजय कुमार गर्ग ने बताया कि स्टार्टअप्स के लिए बौद्धिक संपदा एवं टेक्नोलॉजी प्रबंधन प्रमुख उपकरण है। इसके बारे में इन क्षेत्र के लोगों को अधिक जानकारी नहीं है। पेटेंट के जरिए वह अपने उत्पादों को नई पहचान देने में सक्षम होंगे।

सुधांशु मित्तल ने कहा कि देश में पेटेंट को लेकर जो नियम कानून बने हैं वह काफी अच्छे है। अगर कोई अपने पेटेंट का पंजीकरण कराना चाहता है तो उसे यहां काफी सस्ता पड़ता है। यदि यह पेटेंट अमेरिका या यूरोप में कराना हो तो यह बहुत महंगा पड़ता है। उन्होंने कहा कि पेटेंट कराकर कोई भी स्टार्टअप अपने पोर्टफोलियो को और बेहतर बना सकता है।

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