बढ़ते वायु प्रदूषण स्तर से उद्योग जगत चितित

आखिर जिसका डर उद्योग जगत को सता रहा था वही अब दरवाजे पर दस्तक देने लगा है। पिछले कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता बिगड़ी है। साइबर सिटी में वायु प्रदूषण का पीएम 2.5 का स्तर 385 तक पहुंच चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:09 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:09 PM (IST)
बढ़ते वायु प्रदूषण स्तर से उद्योग जगत चितित
बढ़ते वायु प्रदूषण स्तर से उद्योग जगत चितित

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आखिर जिसका डर उद्योग जगत को सता रहा था वही अब दरवाजे पर दस्तक देने लगा है। पिछले कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता बिगड़ी है। साइबर सिटी में वायु प्रदूषण का पीएम 2.5 का स्तर 385 तक पहुंच चुका है। हालांकि रविवार की बारिश के बाद स्थिति में सुधार हुआ है। फिर भी सामान्य से अधिक वायु प्रदूषण अभी भी है। उद्यमियों का कहना है कि बारिश से जो भी स्थिति सुधरी है वह तात्कालिक है। यदि इस पर प्रभावी तरीके अंकुश नहीं लगा तो आने वाले कुछ दिनों में उद्योग जगत के लिए संकट खड़ा हो जाएगा।

उद्यमियों का कहना है कि पिछले तीन माह से सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ठोस प्रयास करने की मांग जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है। इसके बावजूद जमीनी स्तर पर कोई ठोस प्रयास नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में यदि डीजल जेनरेटर के संचालन पर पाबंदी लगाई जाती है तो उद्योगों को बिना किसी गलती के बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि कुछ औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली को लेकर दिक्कत हो रही है। कई बार कट लग रहे हैं। इससे औद्योगिक कामकाज पर असर पड़ रहा है। अभी तो काम को जारी रखने के लिए जेनरेटर का संचालन कर लिया जाता है यदि वायु प्रदूषण के मद्देनजर इस पर रोक लगती है तो औद्योगिक उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ेगा। फेस्टिवल सीजन में ऐसा होना आर्डर को पूरा करने में रोड़ा खड़ा कर सकता है।

जिस प्रकार से वायु प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ दिनों से बढ़ा रहा है वह आगे चलकर परेशानी का कारण बन सकता है। यदि इसे नियंत्रित करने को लेकर उचित कदम नहीं उठाए तो अगले माह तक समस्या विकराल हो जाएगी। इसका असर औद्योगिक कामकाज पर भी पड़ सकता है।

जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन वायु प्रदूषण के बढ़ने का स्तर के ठोस कारण के निवारण के प्रति यदि समय से ध्यान दिया जाता तो समस्या पैदा नहीं होती। अब यदि उद्योगों पर इसका असर पड़ता है तो इससे काफी नुकसान होगा। औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली की सुचारु आपूर्ति होनी चाहिए।

केके गांधी, अध्यक्ष, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन, सेक्टर-37 वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जो भी कदम उठाए जाएं उस समय यह सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि इसका इसर औद्योगिक कामकाज पर नहीं पड़े। बिजली के अभाव में जेनरेटर चलाने की छूट को खत्म नहीं किया जाना चाहिए।

प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन वायु प्रदूषण के मुख्य कारण

- फसलों के अवशेष का जलाया जाना

- डीजल चलित वाहनों से होने वाले उत्सर्जन

- हवा में धूल कण एवं अन्य प्रदूषक का स्थिर हो जाना

- ट्रैफिक जाम से वायु प्रदूषण में होती है वृद्धि

- बड़े पैमाने निर्माण कार्य के कारण उड़ने वाले धूल

- कचरे का खुले में जलाया जाना

- ईट के भट्टों के कारण

- पाइप्ड नेचुरल गैस से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी

- सड़कों पर हमेशा उड़ती धूल

- कूड़े का ठीक ढंग से निस्तारण का नहीं होना

- वन क्षेत्र का निरंतर कम होना

- एनजीटी द्वारा निर्धारित मानकों का उचित तरीके से पालन नहीं किया जाना

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