औद्योगिक क्षेत्र में दिखने लगा कोरोना की दूसरी लहर का असर

औद्योगिक क्षेत्र मानेसर में कोरोना की दूसरी लहर का असर दिखने लगा है। दिल्ली और राजस्थान में लाकडाउन होने का असर भी औद्योगिक क्षेत्र मानेसर के उद्योगों पर पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 08:26 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 08:26 PM (IST)
औद्योगिक क्षेत्र में दिखने लगा कोरोना की दूसरी लहर का असर
औद्योगिक क्षेत्र में दिखने लगा कोरोना की दूसरी लहर का असर

जागरण संवाददाता, मानेसर : औद्योगिक क्षेत्र मानेसर में कोरोना की दूसरी लहर का असर दिखने लगा है। दिल्ली और राजस्थान में लाकडाउन होने का असर भी औद्योगिक क्षेत्र मानेसर के उद्योगों पर पड़ रहा है। बड़ी कंपनियां भी उत्पादन लगातार कम करने लगी हैं। छोटी कंपनियों में भी अधिकतर श्रमिक बीमार होने के कारण अवकाश पर हैं। ऐसे में छोटी कंपनियां भी उनके खिलाफ लड़ाई लड़ने की तैयारी करने लगी हैं।

आइएमटी मानेसर स्थित अधिकतर कंपनियों के दूसरे प्लांट राजस्थान में हैं। इसके साथ ही मुख्यालय दिल्ली में बने हुए हैं। राजस्थान और दिल्ली में आंशिक लाकडाउन चल रहा है। श्रमिकों को भी हरियाणा में लाकडाउन का डर सताने लगा है। हालांकि, औद्योगिक क्षेत्र मानेसर में उद्यमियों और औद्योगिक एसोसिएशन की तरफ से श्रमिकों को इस बारे में समझाया जा रहा है कि प्रदेश में लाकडाउन नहीं लगेगा। इसके बाद भी क्षेत्र से रोजाना काफी श्रमिक घर वापसी कर रहे हैं।

आसपास के गांवों में बने किराए के कमरों में भी किराएदार नहीं मिल रहे हैं। गांव नाहरपुर कासन में किराए के कमरों के मालिक अभिषेक ने बताया कि किराएदार अब घर वापस जाने लगे हैं। हालांकि मालिकों द्वारा किराया न देने और यहीं रुकने की पेशकश भी की जा रही है।

अभी सरकार की तरफ से कहा गया है कि लाकडाउन लगाने का कोई इरादा नहीं है। उद्यमियों को कहा गया है कि श्रमिकों से बात करें और उन्हें यहीं रहकर कोरोना के खिलाफ लड़ने की अपील करें। एसोसिएशन की तरफ से भी इस बारे में सभी उद्यमियों से बात की गई है। यह बहुत बड़ा संकट उद्योग जगत के सामने है।

- मनोज त्यागी, महासचिव, आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन कोरोना की दूसरी लहर देश में आई है। एक साल में लोगों को बहुत आर्थिक नुकसान हुआ है। उद्यमियों को भी महामारी के कारण काफी नुकसान हुआ है। अब फिर उद्योगों के सामने श्रमिकों की घर वापसी का संकट खड़ा हो गया है। बड़ी कंपनी द्वारा उत्पादन रोकने का नुकसान छोटी कंपनियों को सबसे अधिक होता है।

प्रवीण शर्मा, उद्यमी

chat bot
आपका साथी