राष्ट्रीय दिवस घोषित कर, युवाओं को इसके बारे में विस्तार से पढ़ाया जाए: परमानंद

आजाद हिद सरकार के स्थापना दिवस मनाने के साथ इसे राष्ट्रीय दिवस भी घोषित किया जाना चाहिए। देश के बच्चों व युवाओं को इसके बारे में विस्तार से पढ़ाया जाना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 06:59 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 06:59 PM (IST)
राष्ट्रीय दिवस घोषित कर, युवाओं को इसके बारे में विस्तार से पढ़ाया जाए: परमानंद
राष्ट्रीय दिवस घोषित कर, युवाओं को इसके बारे में विस्तार से पढ़ाया जाए: परमानंद

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आजाद हिद सरकार के स्थापना दिवस मनाने के साथ इसे राष्ट्रीय दिवस भी घोषित किया जाना चाहिए। देश के बच्चों व युवाओं को इसके बारे में विस्तार से पढ़ाया जाना चाहिए। देश के युवाओं को आजाद हिद सरकार के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आजाद हिद फौज की बटालियन 'बहादुर ग्रुप' के कैडेट रहे 101 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी महाशय परमानंद ने कहा कि केंद्र सरकार इस मांग को जल्द पूरा करना चाहिए।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिद सरकार की स्थापना 21 अक्टूबर, 1943 में सिगापुर में की गई थी। यह भारत के इतिहास की एक बहुत बड़ी व विशेष घटना है। 21 अक्टूबर को केंद्र सरकार लालकिले पर आजाद हिद सरकार के स्थापना दिवस पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कर रही है। गांव फाजिलपुर बादली के स्वतंत्रता सेनानी बृहस्पतिवार को सरकार के स्थापना दिवस की 78वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली लाल किला पर आयोजित समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है लेकिन इसे हर स्कूल व कालेजों तक पहुंचाया जाना चाहिए।

परमानंद ने कहा कि देश में जो सम्मान नेताजी को मिलना चाहिए था वह अभी अधूरा है। 21 अक्टूबर 1943 में महान नेताजी ने सिगापुर में आजाद हिद सरकार का गठन किया था और सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से पद संभाला था। नेताजी के साथ बिताए पलों को याद कर भावुक हुए महाशय परमानंद का कहना है कि नेताजी ने देश की आजादी की लड़ाई जिन सपनों के लिए लड़ी थी वो आज भी अधूरे हैं। आजादी के साथ ही नेताजी हमारे से बिछड़ गए थे लेकिन उनके सपने जीवित हैं। उम्मीद थी कि नेता उनके सपनों को साकार करेंगे। परमानंद ने मेजर जनरल (रिटा.) जीडी बक्शी का आभार जताया कि वह नेताजी के सम्मान के लिए बहुत काम कर रहे हैं।

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