सेमिनार में मानव तस्करी को बताया गया जघन्य अपराध

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा मंगलवार को मानव तस्करी विषय पर अदालत परिसर में एक सेमिनार आयोजित किया गया है। इसमें शक्ति वाहिनी स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों पुलिस अधिकारियों पैरालीगल वालंटियर्स सहित अन्य हितधारकों ने हिस्सा लिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 05:50 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 05:50 PM (IST)
सेमिनार में मानव तस्करी को बताया गया जघन्य अपराध
सेमिनार में मानव तस्करी को बताया गया जघन्य अपराध

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा मंगलवार को मानव तस्करी विषय पर अदालत परिसर में एक सेमिनार आयोजित किया गया है। इसमें शक्ति वाहिनी स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों, पुलिस अधिकारियों, पैरालीगल वालंटियर्स सहित अन्य हितधारकों ने हिस्सा लिया। सेमिनार चार सत्रों में संपन्न हुआ। प्रत्येक सत्र मानव अधिकारों पर ही केंद्रित रहा।

सेमिनार के प्रत्येक सत्र में मानवाधिकार को लेकर अलग-अलग मुद्दे रखे गए, जिनमें मानव तस्करी संबंधी कानून प्रमुख रहा। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रदीप चौधरी ने प्राधिकरण द्वारा मानव तस्करी के पीड़ितों को दी जाने वाली सुविधाओं व क्षतिपूर्ति योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी एक जघन्य अपराध है। प्राधिकरण द्वारा लोगों को मानव तस्करी को लेकर बनाए गए कानूनों के बारे में जागरूक किया गया। पैरालीगल वालंटियर्स द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं।

इस मौके पर शक्ति वाहिनी एनजीओ के अध्यक्ष रविकांत ने भी अपना विचार रखा। बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन सुनील कोहली ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने बाल कल्याण समिति के महत्व के बारे में आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चों की तस्करी रोकने में पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे बच्चों की काउंसिलिग होना आवश्यक है। ताकि वे बिना किसी मानसिक दबाव के कमेटी के समक्ष अपनी बात रख सकें।

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