जिम्मेदारी तय होने से कम होगी हाईवे निर्माण में गड़बड़ी
राष्ट्रीय राजमार्गों में गड़बड़ी की शिकायत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय किए जाने से कम होगी। शिकायत आने पर केवल संबंधित कंसल्टेंट व कंस्ट्रक्शन कंपनियों के अधिकारियों पर गाज गिरती है।
आदित्य राज, गुरुग्राम
राष्ट्रीय राजमार्गों में गड़बड़ी की शिकायत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय किए जाने से कम होगी। शिकायत आने पर केवल संबंधित कंसल्टेंट व कंस्ट्रक्शन कंपनियों के अधिकारियों पर गाज गिरती है। जब तक एनएचएआइ के संबंधित अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक बात नहीं बनेगी। आखिरकार पूरे प्रोजेक्ट के ऊपर नजर रखने की जिम्मेदारी तो एनएचएआइ की ही है।
पिछले कुछ सालों से राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत तेजी से बढ़ती जा रही है। न केवल फ्लाईओवर में गड्ढे बन रहे हैं बल्कि स्लैब तक गिरने की शिकायत सामने आ चुकी है। गुरुग्राम के ही कई प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की शिकायत सामने आ चुकी है। द्वारका एक्सप्रेस-वे के एलिवेटेड हिस्से की दो स्लैब निर्माण के दौरान गिर चुकी हैं। गुरुग्राम-सोहना रोड पर भी इसी तरह का हादसा हो चुका है। हीरो होंडा चौक फ्लाईओवर में कई बार गड़बड़ी की शिकायत सामने आ चुकी है। एनएचएआइ में सलाहकार (तकनीकी) रहे जेएस सुहाग ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि गड़बड़ी न हो, इसके लिए कई विषयों के ऊपर गंभीरता से ध्यान देना होगा। सैलरी कम देनी पड़े, इसके लिए कंपनियां ओपन से इंजीनियरिग करने वालों को काम पर रख रही हैं। आवश्यकता है आइआइटी व एनआइटी से पासआउट को ही या फिर रेगुलर क्लास करके इंजीनियरिग करने वालों को काम पर रखा जाए। श्रमिक 24 घंटे रोटेशन के आधार पर काम करते हैं लेकिन रोटेशन के आधार पर इंजीनियरों की ड्यूटी बहुत ही कम तय की जाती है। ऐसे में कई बार निर्माण कार्य श्रमिकों या फिर उनके सुपरवाइजरों के भरोसे होते हैं। एनएचएआइ के अधिकारी कंसल्टेंट कंपनी के इंजीनियर के ऊपर ही पूरा काम न छोड़ें। व्यक्तिगत स्तर पर भी प्रतिदिन निर्माण कार्यों का मुआयना करें। ऐसे में हादसा होने की संभावना कम रहेगी। इसके बाद भी क्वालिटी में कमी की वजह से हादसा होता है तो उसके लिए न केवल कंसल्टेंट व कंस्ट्रक्शन कंपनी के संबंधित अधिकारियों को बल्कि एनएचएआइ के भी संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराकर कार्रवाई की जाए।
निर्माण में टाइमिग का विशेष महत्व
एनएचएआइ में सलाहकार रहे जेएस सुहाग कहते हैं कि निर्माण के दौरान टाइमिग का विशेष महत्व है। निर्माण कहीं होता है और सामग्री कहीं और तैयार की जाती है। सामग्री लाकर डालने का समय निर्धारित होता है। निर्धारित समय के दौरान सामग्री न डालने पर खराब होने का अंदेशा रहता है। कई बार श्रमिक से लेकर इंजीनियर तक इस विषय के ऊपर ध्यान नहीं देते हैं। सामग्री इस्तेमाल करने से पहले यह पता करना चाहिए कि कितनी देर पहले तैयार की गई थी।