कांस्टेबल की पूर्वाचल विवि से स्नातक डिग्री नकली बता खुद ही उलझा पुलिस महकमा

उत्तर प्रदेश के वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय जौनपुर की स्नातक की असली डिग्री को नकली दर्शाकर कांस्टेबल मोनू को पुलिस महकमे से बर्खास्त कर दिया गया और धोखाधड़ी के मुकदमे में आरोपित बना दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 09:06 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 09:06 PM (IST)
कांस्टेबल की पूर्वाचल विवि से स्नातक डिग्री 
नकली बता खुद ही उलझा पुलिस महकमा
कांस्टेबल की पूर्वाचल विवि से स्नातक डिग्री नकली बता खुद ही उलझा पुलिस महकमा

दीपक बहल, अंबाला

उत्तर प्रदेश के वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय जौनपुर की स्नातक की असली डिग्री को नकली दर्शाकर कांस्टेबल मोनू को पुलिस महकमे से बर्खास्त कर दिया गया और धोखाधड़ी के मुकदमे में आरोपित बना दिया गया। बेकसूर कांस्टेबल के प्रमाणपत्रों की जांच करने के लिए जब करनाल की मधुबन पुलिस जौनपुर विश्वविद्यालय पहुंची तो पता चला कि डिग्री नकली नहीं बल्कि असली है। करीब ढाई साल से बर्खास्त इस पुलिस कांस्टेबल पर गिरफ्तारी की तलवार तो हट गई, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई है। यह मामला प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के जनता दरबार में पहुंचा। विज ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अब मोनू की बहाली की उम्मीद फिर से जग गई है, वहीं उसपर दर्ज मामला रद कर दिया गया है। इस प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी अब कार्रवाई की तलवार लटक गई है।

बता दें कि हरियाणा पुलिस में 927 उम्मीदवारों को 1 मार्च 2019 को पुलिस नंबर अलाट किया गया, जिनमें रोहतक का मोनू भी शामिल था। भर्ती होने के बाद मोनू को कांस्टेबल रिक्रूटमेंट ट्रेनिग सेंटर भोंडसी (गुरुग्राम) में ट्रेनिग के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने मोनू के दिए गए डिग्री की विश्वविद्यालय से जांच करवाई तो वहां से इसे फर्जी बता दिया गया। रोल नंबर 16535295947 सन 2017 की जब छानबीन की गई तो यह कुमारी लक्ष्मी छात्रा का पाया गया। इसी आधार पर मोनू के खिलाफ करनाल की मधुबन थाने में धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला 24 दिसंबर 2019 को दर्ज किया गया। इसी आधार पर हरियाणा आ‌र्म्ड पुलिस (एचएपी) के कमांडेंट सुरेंद्र पाल सिंह ने 1 मई 2020 को आदेश जारी कर मोनू को बर्खास्त कर दिया। मोनू की बर्खास्तगी 2 मार्च 2019 से ही (अप्वाइंटमेंट डेट) से ही कर दी गई। करनाल मधुबन की पुलिस उत्तरप्रदेश पहुंची

मामले की जांच सब-इंस्पेक्टर बलबीर सिंह ने की। आरोपित कांस्टेबल की गिरफ्तारी से पहले सबूत एकत्रित करने के लिए मधुबन पुलिस उत्तर प्रदेश के उक्त विश्वविद्यालय में पहुंची। यहां मोनू की डिग्री के बारे में छानबीन की। रिकार्ड खंगालने के बाद पता चला कि मोनू ने नियमित रूप से यहां से बीए की पढ़ाई की और उसको डिग्री भी साल 2018 में जारी की गई है।

कांस्टेबल को इंसाफ मिलेगा: विज

प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि जनता दरबार में जो भी अपनी शिकायत लेकर आता है, उस पर कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि कांस्टेबल मोनू का मामला भी सामने आया है, जिसमें डीजीपी को उचित कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। कांस्टेबल को इंसाफ मिलेगा।

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