कब सुधरेंगे हालात: साइबर सिटी की सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर

निगम के अधिकारी स्वच्छता रैंकिग में नंबर वन होने के दावे कर रहे हैं लेकिन अगर ऐसे ही हालात रहे तो रैंकिग सुधरने के बजाय बिगड़ सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 04:18 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 04:25 PM (IST)
कब सुधरेंगे हालात: साइबर सिटी की सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर
कब सुधरेंगे हालात: साइबर सिटी की सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नगर निगम गुरुग्राम के लिए काम कर रही निजी सफाई एजेंसियों की लापरवाही से शहर की सड़कों पर कूड़े के ढेर लग रहे हैं। निगम के अधिकारी स्वच्छता रैंकिग में नंबर वन होने के दावे कर रहे हैं, लेकिन अगर ऐसे ही हालात रहे तो रैंकिग सुधरने के बजाय बिगड़ सकती है। शहर में उमंग भारद्वाज चौक के नजदीक, दिल्ली-जयपुर हाइवे पर सेक्टर 31 ग्रीन बेल्ट क्षेत्र, गुरुद्वारा रोड सब्जी मंडी, सेक्टर चार व सात, भीम नगर आटो मार्केट के नजदीक, मदनपुरी रोड, लघु सचिवालय मुख्य सड़क, नरसिंहपुर, मोहम्मदपुर झाड़सा, डूंडाहेड़ा, ओल्ड दिल्ली रोड पर शनि मंदिर के नजदीक सहित काफी सड़कों पर कूड़ा फैला हुआ है। अवैध रूप से कचरा डंपिग प्वाइंट बना दिए गए हैं। सफाई नहीं होने के कारण गंदगी होने से बीमारियां फैलने का भी खतरा बढ़ गया है। इन एजेंसियों को सौंपा गया था काम

जून महीने में निजी एजेंसी साई एंटरप्राइजेज, आरके एंड कंपनी मैनपावर लिमिटेड, केसी एंटरप्राइजेज, प्रीमियर सिक्योरिटी एंड मैनपावर सर्विसेज और बालाजी इंजीनियर्स कंसल्टेंट्स को अलग-अलग जोन में काम दिया गया था। कुछ इलाकों को छोड़कर लगभग जगहों पर सफाई व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। संसाधनों के बावजूद स्वच्छ नहीं हो रहा शहर

- सफाई के लिए नगर निगम हर वर्ष खर्च करता है 200 करोड़ रुपये।

- नगर निगम की निजी एजेंसियों और निगम रोल के कर्मचारियों सहित साढ़े छह हजार से ज्यादा है सफाई कर्मचारी।

- निजी एजेंसियों की मैनपावर और मशीनरी का नहीं होता है निरीक्षण

- जेसीबी और ट्रैक्टरों में नहीं लगाए गए हैं जीपीएस।

- स्वच्छ सर्वेक्षण से पहले सुधारनी होगी सफाई व्यवस्था।

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