आक्सीजन टैंकर देरी से आने के कारण अटकी रहीं सब की सांसें

आज शहर के छोटे अस्पतालों में भी मरीजों को बेड नहीं मिल रहे। हर कोई अपने मरीज का जीवन बचाने के लिए किसी भी अस्पताल में भी भर्ती कराने को तैयार है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 06:44 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 06:44 PM (IST)
आक्सीजन टैंकर देरी से आने के 
कारण अटकी रहीं सब की सांसें
आक्सीजन टैंकर देरी से आने के कारण अटकी रहीं सब की सांसें

अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम

आज शहर के छोटे अस्पतालों में भी मरीजों को बेड नहीं मिल रहे। हर कोई अपने मरीज का जीवन बचाने के लिए किसी भी अस्पताल में भी भर्ती कराने को तैयार है। मरीज के स्वजन की यही कोशिश रहती है कि कैसे भी मरीज को आक्सीजन वाला बेड मिल जाए। हाल यह है कि छोटे अस्पतालों में मरीजों के स्वजन इलाज कराने का पैसा दे रहे हैं और सुविधाओं की चिता भी मरीजों के स्वजन ही कर रहे हैं। अस्पतालों की तरफ से बोला जा रहा है कि अपने मरीज के लिए आक्सीजन का प्रबंध कर लो क्योंकि जल्द खत्म होने वाली है। अस्पताल के बाहर बैठे रहने वाले स्वजन की इसी चिता में सांसें अटकी रहती हैं न जाने कब आक्सीजन खत्म हो जाएगी।

हाल में कई मरीजों की आक्सीजन नहीं मिलने के कारण मौत हो चुकी है और उससे कोई सबक भी नहीं लिया गया है। मंगलवार को भी शहर के छोटे अस्पतालों हर मरीज के साथ ऐसी परेशानी हो रही है। तीन दिन पहले ऐसे ही छोटे अस्पताल में आक्सीजन नहीं होने के कारण छह मरीजों की मौत हो गई और अन्य अस्पतालों में भी मौत होने की खबर रही है। जिन अस्पतालों में आक्सीजन टैंक नहीं हैं और वहां पर आक्सीजन सिलेंडर से काम चलता है, उन्हें अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें समय पर आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहे। स्वजन को सिलेंडर मिल नहीं रहे हैं और मिल रहे तो घंटो भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। मंगलवार को हाल यह था कि तीन बजे तक आक्सीजन के टैंकर नहीं आए थे और होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे मरीजों के अलावा सिलेंडर के बल पर चलने वाले अस्पतालों के मरीजों की सांसे अटकी रही कि कहीं आक्सीजन खत्म न हो जाए।

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