बदलते मौसम में बच्चों के लिए निमोनिया का खतरा

सुबह-शाम हल्की ठंड और दिन में तेज धूप बीमारी का कारण है। यह बदलता मौसम नवजात शिशुओं के लिए खतरा है। डाक्टरों का कहना है कि ऐसे मौसम में निमोनिया का खतरा बढ़ जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 07:24 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 07:24 PM (IST)
बदलते मौसम में बच्चों के लिए निमोनिया का खतरा
बदलते मौसम में बच्चों के लिए निमोनिया का खतरा

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सुबह-शाम हल्की ठंड और दिन में तेज धूप बीमारी का कारण है। यह बदलता मौसम नवजात शिशुओं के लिए खतरा है। डाक्टरों का कहना है कि ऐसे मौसम में निमोनिया का खतरा बढ़ जाएगा। डाक्टरों का कहना है कि अब रात के समय एसी लाना बंद कर दे। यह सभी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अगर पंखा चलना है तो वह धीमा लाए। क्योंकि शिशु को निमोनिया भी हो सकता है। शिशु रोग विशेषज्ञ डा. एमपी शर्मा का कहना है कि बच्चे किसी भी स्थिति में घर पर दवा ना दे। बल्कि डाक्टर से दिखाए। डाक्टर ने कहा कि इस मौसम में सबसे ज्यादा लापरवाही होती है और वही बीमार होने का कारण बनता है। ज्यादा सर्दी में सभी ध्यान देते हैं लेकिन इसमें अनदेखी होती है। जबकि हल्की ठंड ही बच्चे को बीमार करने का मुख्य कारण होता है।

मां ठंडा फल नहीं खाए:

बच्चे मां ऐसी कोई ठंडी सामग्री का सेवन ना करे, जिससे बच्चे पर असर पड़े। क्योंकि बच्चा मां का दूध पीता है। बहुत फल हैं जो ठंड के कारण बच्चे के लिए सही नहीं है। लक्षण: निमोनिया के प्रमुख दो लक्षण हैं। इसमें बच्चे को खांसी होती है साथ वो तेजी से सांस लेता है। साथ बच्चों को तेज बुखार होता है। ऐसे में अगर निमोनिया तीन माह से कम बच्चे को निमोनिया होता है तो यह ज्यादा खतरनाक होता है। कई बार निमोनिया होने के कारण बच्चा दूध नहीं पीने के साथ सुस्त रहता है। ऐसे में उसका तापमान कम होगा और फिट्स(दौरे) आने लगते हैं।

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