बहुत भारी पड़ा अप्रैल, जितना मुमकिन है खुद को बचाएं
गुरुग्राम में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का आगाज मार्च माह के अंतिम दिनों में शुरू हो गया था लेकिन प्रशासन की गहरी नींद नहीं टूटी। नींद आज भी नहीं टूटी हैं जब शहर में हजारों मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
गुरुग्राम में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का आगाज मार्च माह के अंतिम दिनों में शुरू हो गया था लेकिन प्रशासन की गहरी नींद नहीं टूटी। नींद आज भी नहीं टूटी हैं जब शहर में हजारों मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है। अगर समय रहते तैयारी की जाती, तो आज मरीजों को बेड मिलने की असुविधा न होती। शहर में 36,693 कोरोना संक्रमित मरीज हैं और एक अनुमान के अनुसार 2948 बेड और 483 आइसीयू व 346 वेंटिलेटर बेड संख्या ही उपलब्ध है।
मरीजों को न आक्सीजन बेड मिल रहे और वेंटिलेटर
मेडिकल हब के नाम से प्रसिद्ध् गुरुग्राम में आज हालत यह है कि एक मरीज को भर्ती कराना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन सा है। जिस शहर में 36,000 से अधिक कोरोना संक्रमित सक्रिय मरीज हैं उसमें वेंटिलेटर की संख्या 350 ही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन कोरोना महामारी से निपटने के लिए कितना तैयार है। अब प्रशासन की कागजी तैयारी चल रही है। शहर में सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में जितने बेड व आइसीयू-वेंटिलेटर बेड हैं उन सब पर मरीजों का इलाज चल रहा है और प्रशासन नए बेड तैयार करने के बजाय, घोषणा कर रहा है कि सभी अस्पतालों में 60 प्रतिशत सामान्य बेड और आइसीयू व वेंटिलेटर के 70 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित हैं। जब सभी बेडों पर पहले से ही मरीज इलाज करा रहे हैं तो आरक्षित करने का क्या लाभ है? मरीजों को सही लाभ पहुंचाना है तो नए बेड तैयार करने होंगे और यही नहीं किया जा रहा। शुक्रवार को भी कई बड़े अस्पतालों की तरफ से कहा गया कि आक्सीजन मिल गई तो मरीजों को भर्ती किया जाएगा। अप्रैल माह में हुए सबसे अधिक हालात खराब:
अब अप्रैल माह में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज है लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की रफ्तार बहुत धीमी रही। हालात अब और खराब होने की तरफ बढ़ रहे हैं। क्योंकि महामारी का कहर अभी बरकरार है और स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं। कोरोना काल के चौदह माह में 1,22,934 कोरोना मरीज मिले हैं, तो 476 मरीजों की मौत हुई। वहीं अकेले अप्रैल माह में 59,921 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। 112 मरीजों की मौत हुई। अगर अब भी नहीं चेते, तो यह महामारी शहर में भारी तबाही के निशान छोड़ जाएगी। अप्रैल माह:
तारीख - मरीज- मौत
1 - 381 - 01
2 - 398 - 01
3- 606 - 01
4 - 555 -00
5- 581 - 01
6 - 604 -00
7 - 611- 00
8 - 741 - 00
9 - 703 - 00
10 - 864 - 01
11 -1084 - 00
12 - 1132 -00
13 - 998 - 01
14 - 1151 - 01
15 -1434 - 01
16 - 1919- 02
17- 2549 - 02
18 - 2401 - 02
19 - 1809 - 05
20 - 2344 - 04
21 - 2988 - 04
22 - 3553 -10
23 - 4319 - 09
24 - 3136 - 08
25 - 3410 - 11
26 - 3555 - 07
27 - 3684 - 10
28 - 2934 - 07
29 - 5042 - 09
30 - 4435 - 14
30 दिन में मरीज :: 59,921, 112 मौत
------ वर्ष 2020 ::
माह - मरीज - मौत संख्या
मार्च - 12 - 00
अप्रैल -56 - 00
मई - 701 - 04
जून - 4565 - 86
जुलाई - 3734 - 32
अगस्त - 2849 - 10
सितंबर - 8782 - 40
अक्टूबर - 9299 - 40
नवंबर - 19,594 - 80
दिसंबर - 7199 - 51
-------
वर्ष 2021 ::
जनवरी - 1416 - 11
फरवरी - 786 - 03
मार्च - 4020 - 07
अप्रैल - 59921- 112
---------- कोरोना काल के कुल मरीजों में से आधे सिर्फ इस अप्रैल में मिले
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिले में कोरोना मरीजों की कुल संख्या का 48.74 प्रतिशत मरीज अप्रैल माह में मिले। कोरोना काल के चौदह माह में 1,22,934 कोरोना मरीज मिले हैं, तो 476 मरीजों की मौत हुई। 85,765 स्वस्थ हुए। वहीं अप्रैल माह में 59,921 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। 112 मरीजों की मौत हुई और 25,059 मरीज स्वस्थ हुए।
शुक्रवार को 4,435 कोरोना संक्रमित मरीज मिले। 1621 मरीज स्वस्थ हुए और 14 मरीजों की मौत हुई। गुरुग्राम में कोरोना संक्रमित सक्रिय मरीजों की संख्या 36,693 हो चुकी है और इसमें 33,998 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं। होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे अधिकतर मरीजों को आक्सीजन की जरूरत पड़ रही है लेकिन दुर्भाग्य है कि मरीजों को यह सुविधा नहीं मिल रही। स्वास्थ्य विभाग टीम ने कोरोना जांच के लिए 12,703 लोगों के सैंपल लिए। अभी तक 12,19,986 लोगों की जांच की जा चुकी। 115 बच्चे कोरोना संक्रमित:
बृहस्पतिवार को 5042 कोरोना संक्रमित मरीजों में 115 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले थे। इस माह कोरोना संक्रमित बच्चों की संख्या 1,620 हो चुकी है। बच्चों में एक वर्ष से लेकर दस वर्ष तक के बच्चे शामिल किए गए है।