साइबर सिटी का जिला अस्पताल तो खुद 'वेंटिलेटर' पर है

अगर दो दशक के बजट घोषणाओं को देखा जाए तो सरकारों की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं ऐसी बना दी जाएंगी और वैसी बना दी जाएंगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 04:47 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 05:04 PM (IST)
साइबर सिटी का जिला अस्पताल तो खुद 'वेंटिलेटर' पर है
साइबर सिटी का जिला अस्पताल तो खुद 'वेंटिलेटर' पर है

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: अगर दो दशक के बजट घोषणाओं को देखा जाए तो सरकारों की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं ऐसी बना दी जाएंगी और वैसी बना दी जाएंगी। सच यह है कि एक मरीज के लिए ढंग की स्वास्थ्य सेवाएं नहीं है। यह हाल प्रदेश के किसी पिछड़े हुए जिले का नहीं है बल्कि हरियाणा के उस जिले गुरुग्राम का है जिसकी दुनिया में पहचान है। यहां स्वास्थ्य विभाग के पास आइसीयू व वेंटिलेंटर बेड के नाम पर कुछ नहीं है।

पूर्व और वर्तमान सरकारों की बड़ी घोषणाएं हैं लेकिन उनपर अमल नहीं होने के कारण यह है कि आज कोरोना महामारी में मरीजों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। अगर आज स्वास्थ्य विभाग के पास खुद की बड़ी संख्या में आइसीयू बेड व वेंटिलेंटर सुविधा होती तो मरीजों को इलाज दिया जा सकता था। कोरोना के कारण हाहाकार मचा हुआ है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास ओपीडी सेवाएं देने के अलावा कुछ नहीं।

बृहस्पतिवार को तैयार हुए 30 बेड:

पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तो स्वास्थ्य विभाग ने सेक्टर-10 जिला नागरिक अस्पताल में तीस बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है। यहां पर अधिकारियों की तरफ से दावा किया गया है कि सभी बेड पर आक्सीजन की सुविधा है। इससे मरीज को आक्सीजन की कमी के समय में कोई परेशानी नहीं होगी। हर बेड पर आक्सीजन की सुविधा दी गई है। प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. दीपा जाखड़ का कहना है कि यहां पर चार बेड वेंटिलेटर बेड तैयार किए गए हैं। अगर कोई मरीज गंभीर बीमार होता है तो उसे वेंटिलेंटर की सुविधा दी जाएगी।

ओपीडी बंद:

कोरोना के कहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सेक्टर दस जिला नागरिक अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं और गायनी व फिजिशियन डाक्टर (बुखार) की ओपीडी को छोड़कर अन्य सभी ओपीडी बंद कर दी गई हैं। अस्पताल में कोरोना संबंधित जांच सैंपल लेने और कोरोनारोधी टीकाकरण अभियान चलता रहेगा। अधिकारियों की अपील है कि कोरोना संकट को देखते हुए अस्पताल में वही मरीज आएं जिन्हें बुखार है और डाक्टर से दवा लेनी है।

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