जिन्हें बेड चाहिए वह पहले रजिस्ट्रेशन कराएं : उपायुक्त

जिला प्रशासन ने गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करवाने और बेड दिलवाने के लिए नई व्यवस्था की है ताकि कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल में उपचार की जरूरत पर कोई परेशानी ना हो।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 07:08 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 07:50 PM (IST)
जिन्हें बेड चाहिए वह पहले रजिस्ट्रेशन कराएं : उपायुक्त
जिन्हें बेड चाहिए वह पहले रजिस्ट्रेशन कराएं : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिला प्रशासन ने गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करवाने और बेड दिलवाने के लिए नई व्यवस्था की है ताकि कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल में उपचार की जरूरत पर कोई परेशानी ना हो। उपायुक्त डा. यश गर्ग की तरफ से कहा गया है कि मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है तो उसके स्वजन नई व्यवस्था का लाभ लेने के लिये ष्श्र1द्बस्त्रद्दद्दठ्ठ.ष्श्रद्व पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराएं। इसमें 'रजिस्टर फार हास्पिटल बेड' के नीचे लिखे 'रिक्वेस्ट नाव' पर क्लिक करें। उसके बाद एक प्रोफार्मा खुलेगा जिसमें मरीज की डिटेल भरनी होगी। उन्होंने बताया कि रिक्वेस्ट मिलने पर गुरुग्राम जिला प्रशासन ऐसे सभी मरीजों की सूची बनाएगा। उसके बाद सूची में दर्ज मरीजों की डिटेल को चिकित्सकों की टीम देखेगी। उन्होंने कहा कि मरीज की स्थिति के आधार पर उसे अस्पताल में भर्ती करवाने या नहीं करवाने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

सिर्फ दावों से नहीं होगा इलाज: जब प्राइवेट अस्पतालों में आइसीयू व वेंटिलेटर बेड खाली नहीं हैं तो जिला प्रशासन किस आधार पर मरीजों को भर्ती कराने का दावा कर रहा है, यह हर किसी की समझ से बाहर है। जिले में कोरोना सक्रिय मरीजों की संख्या 16,027 है और इसमें 15,010 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं। आज बड़ी संख्या में ऐसे मरीज हैं जिन्हें आक्सीजन के लिए बेड चाहिए लेकिन नहीं मिल रहे।

नई बेड की व्यवस्था करने के बजाय जिला प्रशासन हर रोज घोषणा कर रहा है कि बेड चाहिए तो यहां पर सर्च करें। अब कहा जा रहा है कि मरीज को बेड चाहिए तो डिमांड रजिस्ट्रेशन करा लें और डाक्टरों की टीम तय करेगी कि किस मरीज को बेड भर्ती करने की जरूरत है या नहीं। जब बेड नहीं हैं तो रजिस्ट्रेशन कराने से क्या लाभ होगा। कई दिनों से दावा किया जा रहा है कि 800 बेड तैयार किए जाएंगे, जहां पर मरीज को आक्सीजन सुविधा मिलेगी लेकिन अभी तक एक भी बेड तैयार नहीं हुआ है। ऐसी बिगड़ती हालत में रातोंरात बेड तैयार होना चाहिए था, लेकिन इसमें कई कई दिन बीत रहे हैं।

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