रेमडेसिविर की मांग बढ़ी, अस्पतालों में मरीजों को उपलब्ध कराने का दावा

अगर आप शहर के किसी प्राइवेट अस्पताल में अपने मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के लिए कहेंगे तो जल्द नहीं लगाया जाएगा। कहा जा रहा है कि इंजेक्शन कम है और यह सभी मरीजों को नहीं दिया जा सकता। यह उन्हें मरीजों को लगा रहे हैं जिन्हें सख्त जरूरत है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 06:21 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 10:46 PM (IST)
रेमडेसिविर की मांग बढ़ी, अस्पतालों में  मरीजों को उपलब्ध कराने का दावा
रेमडेसिविर की मांग बढ़ी, अस्पतालों में मरीजों को उपलब्ध कराने का दावा

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन की एकाएक मांग बढ़ गई है, हालांकि यह शहर के किसी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। कहा जा रहा है कि उन अस्पतालों में उपलब्ध कराया जा रहा है जहां कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। सभी मरीजों को इंजेक्शन देने के बजाय उन्हीं मरीजों को दिया जा रहा है जिनको अधिक जरूरत है। अधिक आयु के साथ गंभीर बीमार है। अगर आप शहर के किसी प्राइवेट अस्पताल में अपने मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के लिए कहेंगे, तो जल्द नहीं लगाया जाएगा। कहा जा रहा है कि इंजेक्शन कम है और यह सभी मरीजों को नहीं दिया जा सकता। यह उन्हें मरीजों को लगा रहे हैं जिन्हें सख्त जरूरत है।

दूसरे प्रदेशों से मरीज ला रहे हैं स्वजन:

दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व अन्य प्रदेशों के कोरोना मरीज गुरुग्राम के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ मरीज अन्य प्रदेशों से महंगा इंजेक्शन खरीदकर ला रहे हैं और अपने मरीजों को लगवा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह इंजेक्शन दस हजार रुपये तक का खरीद रहे हैं।

यह सही है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कम है लेकिन जिन मरीजों को जरूरत है उनको दिलाया जा रहा है। अस्पताल स्वयं ऐसे मरीजों को ख्याल रख रहे हैं। जहां तक ब्लैक में बेचने की बात है तो गुरुग्राम में किसी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध ही नहीं है तो ब्लैक में कहां से बेचा जाएगा। अगर फिर भी कोई ऐसे कर रहा है तो हमें बताएं। अस्पतालों में जहां मरीजों को इंजेक्शन लगाया जा रहा है वह कंपनी के तय रेट पर लगा रहे हैं। हमारी उन लोगों पर भी नजर है, जो नकली इंजेक्शन बेचकर पैसा कमाने के चक्कर में हैं। मेरी लोगों से अपील है कि बिना डाक्टर की सलाह व डाक्टर को बिना दिखाए इंजेक्शन ना लगवाएं।

अमनदीप सिंह चौहान, डिस्ट्रिक ड्रग कंट्रोलर

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