प्रशासन के दावों में बेड संख्या कम नहीं, लेकिन मरीज भर्ती कराना आसान नहीं

प्रशासन बेशक दावा करे कि शहर में कोरोना मरीजों के लिए सामान्य बेड आइसीयू वेंटिलेटर सुविधा है लेकिन सच्चाई यह है कि शहर के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में एक मरीज भर्ती कराना आसान नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 07:19 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 07:19 PM (IST)
प्रशासन के दावों में बेड संख्या कम नहीं, 
लेकिन मरीज भर्ती कराना आसान नहीं
प्रशासन के दावों में बेड संख्या कम नहीं, लेकिन मरीज भर्ती कराना आसान नहीं

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: प्रशासन बेशक दावा करे कि शहर में कोरोना मरीजों के लिए सामान्य बेड, आइसीयू, वेंटिलेटर सुविधा है लेकिन सच्चाई यह है कि शहर के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में एक मरीज भर्ती कराना आसान नहीं है। शहर के किसी भी बड़े अस्पताल में अगर आइसीयू या वेंटिलेटर पर मरीज को भर्ती कराना है तो जगह नहीं मिल रही है। प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से प्रशासन को जानकारी दी जा रही है कि सामान्य बेड व आइसीयू व वेंटिलेटर सुविधाओं में कोई कमी नहीं है।

आंकड़ों में बेड खाली है लेकिन सच्चाई तब सामने आती है जब मरीज को भर्ती कराने जाएं। अगर कोई मरीज गंभीर है तो उसे आइसीयू या वेंटिलेटर सुविधा नहीं मिल रही है। शहर कें सभी बड़े अस्पतालों में दूसरे प्रदेशों से आए मरीज भर्ती है और दिखाया जा रहा है कि गुरुग्राम के मरीजों के लिए बेड व आइसीयू और वेंटिलेटर सुविधा उपलब्ध है।

बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंची लिस्ट में कहा गया था कि कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध बेड संख्या 2216 है। इसमें 495 आइसीयू बेड और 233 वेंटिलेटर बेड कोरोना मरीजों के लिए है। इस तरह प्राइवेट अस्पतालों में इस समय करीब 1600 बेड खाली हैं। कहा गया है कि प्राइवेट अस्पतालों में इस समय 203 मरीज आइसीयू में भर्ती हैं और 67 मरीज वेंटिलेटर बेड पर हैं। इन्हें मिलाकर सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में कुल 612 मरीज भर्ती होकर इलाज ले रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास अलग-अलग अस्पतालों में 176 बेड हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास आइसीयू व वेंटिलेटर सुविधा नहीं है। सेक्टर-10 अस्पताल में चार वेंटिलेटर सुविधा है लेकिन वह अन्य गंभीर बीमार मरीजों के लिए रखे गए हैं। -----------

सर्जरी से पहले मरीज की होगी कोरोना जांच

जासं, गुरुग्राम: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण के चलते फैसला लिया है कि अब मरीज की सर्जरी करने से पहले कोरोना जांच की जाएगी। प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. दीपा जाखड़ ने कहा कि कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब मरीज की सर्जरी करने से पहले कोरोना जांच की जाएगी। अगर कोई इमरजेंसी सर्जरी आती है तो उसकी जांच रैपिड एंटीजन किट से की जाएगी ताकि तुरंत रिपोर्ट मिल जाए। डा. जाखड़ ने कहा कि अभी ओपीडी सेवाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सभी ओपीडी चलती रहेंगी। डा. दीपा ने कहा कि डाक्टरों को जिन मरीजों में कोरोना लक्षण लगते हैं उनकी तेजी से कोरोना जांच की जा रही है।

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