चार दिन में मिल चुके हैं 1940 कोरोना मरीज

गुरुग्राम में नवंबर माह का दौर फिर लौट रहा है। उस दौरान सबसे अधिक 19594 कोरोना मरीज मिले थे। अप्रैल माह के चार दिनों में 1940 मरीज मिल चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 06:23 PM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 07:46 PM (IST)
चार दिन में मिल चुके हैं 1940 कोरोना मरीज
चार दिन में मिल चुके हैं 1940 कोरोना मरीज

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुरुग्राम में नवंबर माह का दौर फिर लौट रहा है। उस दौरान सबसे अधिक 19,594 कोरोना मरीज मिले थे। अप्रैल माह के चार दिनों में 1940 मरीज मिल चुके हैं। अगर यूं ही मरीजों की संख्या बढ़ती रही, तो मरीजों की संख्या हजारों में होगी। रविवार को 555 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं और 210 मरीज स्वस्थ हुए हैं। जिले में कोरोना के कारण 367 मरीजों की मौत हो चुकी है। इस समय 2,972 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें 2,770 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं। रविवार को 6,006 लोगों के सैंपल कोरोना जांच के लिए गए। जिला में स्वास्थ्य विभाग 9,60,836 लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। गुरुग्राम में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 64,953 और इसमें 61,641 स्वस्थ हो चुके हैं।

हम हर रोज बड़ी संख्या वहां पर कोरोना जांच शिविर लगा रहे हैं जहां पर मरीजों की संख्या अधिक मिल ही है। मेरी अपील है कि लोग कोरोना जांच कराए। यह सोच कर कोरोना जांच कराने से ना बचे कि कोरोना संक्रमित मिलने पर घर में बंद रहना होगा। सोचिए अगर आप इलाज नहीं लेंगे और घर के बाहर घूमते रहेंगे तो कितने लोगों में कोरोना फैलेगा।

डा. एमपी सिंह, उप सिविल सर्जन व टीकाकरण अभियान के नोडल अधिकारी

चार दिन में मरीजों की संख्या व मौत और स्वस्थ हुए

1 अप्रैल 381, 01 मौत, 175 स्वस्थ हुए

2 अप्रैल 398, 01 मौत, 262 स्वस्थ हुए

3 अप्रैल 606, 01 मौत, 261 स्वस्थ हुए

4 अप्रैल 555, 00, 210 स्वस्थ हुए

पांच माह मरीजों की संख्या:

- नवंबर माह 19,594

- दिसंबर माह 7,199 वर्ष 2021:

- जनवरी माह 1,416

- फरवरी माह 786

- मार्च माह 4,020 पहले की तरह घर से निकलने पर मास्क लगाएं। अगर हर व्यक्ति मास्क लगाने लगा तो हम कोरोना वायरस का कुछ दिनों में समाप्त कर देंगे। मरीजों की बढ़ती संख्या का कारण मास्क नहीं लगाना और सावधानी नहीं रखना है। जो लोग यह सोच रहे हैं उन्हें कोरोना नहीं होगा, वही कोरोना वायरस को फैलाने में योगदान दे रहे हैं।

डा. विरेंद्र यादव, सिविल सर्जन

chat bot
आपका साथी