अगर जहरीली हवा बनी रही तो हर व्यक्ति सांस लेने में होगी परेशानी
लोग दमा बीमारी से ग्रस्त होने पर ही बीमारी मानते हैं जबकि जिन्हें भी जहरीली हवा में थोड़ा बहुत सांस लेने में परेशानी होती है वह धीरे धीरे उसी बीमारी की तरफ बढ़ रहा है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: अगर जहरीली हवा बनी रही तो हर व्यक्ति सांस की बीमारी का मरीज बन सकता है। लोग दमा बीमारी से ग्रस्त होने पर ही बीमारी मानते हैं, जबकि जिन्हें भी ऐसी हवा में थोड़ा बहुत सांस लेने में परेशानी होती है वह धीरे धीरे उसी बीमारी की तरफ बढ़ रहा है। लगातार जहरीली हवा के कारण जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डाक्टरों का कहना है कि गले खराबी और सांस लेने में परेशानी के मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ गई है।
वरिष्ठ फिजिशियन डा. नवीन कुमार का कहना है कि हर रोज 25 के करीब मरीज ऐसे भर्ती किए जा रहे हैं जिन्हें सांस की समस्या है। अगले दिन उन्हें घर भेजा जा रहा है। अधिक प्रदूषण के कारण दमा मरीज सबसे अधिक परेशान हैं। ओपीडी में ऐसे मरीजों की लंबी लाइन है जिन्हें सांस लेने में कभी न कभी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसमें बुजुर्ग ही नहीं युवाओं से लेकर बच्चे भी शामिल हैं।
डा. नवीन का कहना है कि किसी शहर में किसी कारण एक-दो दिन वायु प्रदूषण अधिक रहता है तो वह अधिक घातक नहीं होता लेकिन लगातार वायु प्रदूषण में रहने वाले लोग सांस की बीमारी से लेकर मानसिक बीमारी तक ग्रस्त होते हैं। मानसिक बीमारी से ग्रस्त मरीज प्रदूषण में रहने से चिड़चिड़ापन के शिकार हो जाते हैं और आजकल ऐसे मरीजों को आना बहुत है।
डाक्टरों का कहना है कि अगर सुबह-शाम वाक नहीं की गई और एक्सरसाइज नहीं की गई तो अन्य बीमारी होने का खतरा बढ़ जाएगा। अधिक प्रदूषण में वाक और एक्सरसाइज करना भी सही नहीं है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।