सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में मिलाकर आक्सीजन से लैस 5000 बेड तैयार हैं: डा. विरेंद्र

कोरोना की तीसरी लहर में वेरिएंट डेल्टा प्लस आने के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारी पुख्ता करने में लगा है। इन तमाम मुद्दों पर दैनिक जागरण के अनिल भारद्वाज ने सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव के साथ खास बातचीत की

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Aug 2021 05:20 PM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 05:27 PM (IST)
सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में मिलाकर आक्सीजन से लैस 5000 बेड तैयार हैं: डा. विरेंद्र
सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में मिलाकर आक्सीजन से लैस 5000 बेड तैयार हैं: डा. विरेंद्र

गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण करने में नई शुरुआत करने के लिए जाना जाता है। विभाग के अधिकारियों ने इस बार प्लान किया है कि हर महीने की नौ तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के दिन गर्भवती महिलाओं को कोरोनारोधी टीकाकरण किया जाएगा। यह अभियान हर माह चलाया जाएगा। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग अपने 34 केंद्रों पर यह अभियान चला रहा है। वहीं कोरोना की तीसरी लहर में वेरिएंट डेल्टा प्लस आने के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारी पुख्ता करने में लगा है। इन तमाम मुद्दों पर दैनिक जागरण के अनिल भारद्वाज ने सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव के साथ खास बातचीत की: . क्या हर माह की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं को कोरोनारोधी टीकाकरण करने का अभियान चलाया जाएगा।

- हमने योजना बनाई है कि हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के दिन स्वास्थ्य विभाग के हर केंद्र पर गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण जाएगा। कोवैक्सीन का टीका लगाया जाएगा। अगर किसी को दूसरा टीका कोविशील्ड लगना है, तो वह टीका लगवा सकती हैं। वैसे कोई भी गर्भवती महिला किसी भी दिन किसी भी केंद्र पर टीकाकरण करा सकती हैं। चौमा, मंदपूरा, सूरत नगर, ओम नगर, गांव कासन, चंद्रलोक, वजीरराबाद, गढ़ी, राजीव नगर, नाहरपुर रूपा, गुड़गांव, मोलाहेड़ा, बादशाहपुर, राजेंद्रा पार्क, फरुखनगर, भांगरौला, फाजीलपुर, भोडाकलां, गांधी नगर, तिघरा, मानेसर, नाथूपुर, पटेल नगर, सिविल अस्पताल सेक्टर दस, घंघोला, पलड़ा, सोहना, भोंडसी, पटौदी, सुखराली, लक्ष्मण विहार, फिरोज गांधी कालोनी, सेक्टर 31 पालीक्लीनिक में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा। . तीसरी लहर आने का खतरा मंडरा रहा है, दूसरी लहर में मरीजों को बेड कम पड़ गए थे, इस बार अस्पतालों में बेड संख्या को लेकर कितनी तैयारी है?

- हां, कोरोना महामारी की दूसरी लहर में मरीजों की अधिक संख्या रही। एक लाख से अधिक मरीज मिले हैं। हमने बेड संख्या बढ़ाने पर काम किया है। सभी बेड आक्सीजन सुविधाओं से लैस किए गए हैं। आइसीयू व वेंटिलेटर बेड संख्या भी बढ़ाई है। सेक्टर दस जिला अस्पताल में 43 बेड और पटौदी अस्पताल 22, सोहना अस्पताल 35, कोविड केयर सेंटर गांव भोड़ाकलां में 80 ,सेक्टर 9 एइएसआइ अस्पताल 72, एसजीटी मेडिकल कालेज चंदू बुढ़ेडा में 100 बेड है। सेक्टर 31 पालीक्लीनिक में 10 बेड की सुविधा है। जिले में सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर बेड संख्या बढ़ाई गई है। इसके अलावा इस समय सरकारी व गैरसरकारी अस्पतालों में मिलाकर 5000 बेड आक्सीजन से लैस तैयार हैं। 883 आइसीयू बेड़ और 259 वेंटिलेटर बेड उपलब्ध हैं। . आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए क्या किया जा रहा है?

- आक्सीजन में आत्मनिर्भर बनने पर काम तेजी से किया गया है। जब दूसरी लहर का कहर था तो शहर में हर रोज 30 टन के करीब आक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी। अब हमने सेक्टर दस जिला अस्पताल में 750 और पटौदी अस्पताल में 500 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन उत्पाद करने वाला प्लांट शुरू कर दिया है। सेक्टर 31 पालीक्लीनिक में 100 और घांघरोला में 75 व भोड़ाकलां में 75 के अलावा फरुखनगर में 150 लीटर आक्सीजन प्रति मिनट उत्पादन करने का प्लांट तैयार किया जा रहा है। जल्द यहां भी आक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। सेक्टर दस अस्पताल में स्टोर करने की सुविधा भी है। शहर के बड़े बड़े अस्पतालों में प्लांट लगाए जा रहे हैं। काफी में काम पूरा हो चुका है। अगर तीसरी लहर में अधिक आक्सीजन की जरूरत होगी तो अस्पतालों में मरीजों के लिए आक्सीजन कम नहीं होगी। .क्या रेमडेसिविर और फेरापिराविर जैसी अहम दवाओं की जिले में उपलब्धता है?

- रेमडेसिविर और फेरापिराविर की कोई कमी नहीं है। आवेदन पर कमेटी तय करती है और आराम से उपलब्ध करा रहे है। जब मरीज अधिक थे तब भी आराम से उपलब्ध कराए जा रहे थे। . क्या स्वास्थ्य विभाग के पास डाक्टर व अन्य स्टाफ पूरा है?

- डाक्टरों व अन्य स्टाफ की संख्या पूरी करने के लिए मेडिकल कालेजों से एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों और नर्सिंग स्टाफ की सहायता ली जाएगी। पहले भी उनकी सहायता ली गई है और अगर भविष्य में जरूरत हुई तो सहायता ली जाएगी। सरकारी अस्पतालों में जितने बेड हैं उस हिसाब से स्टाफ पूरा है। बेड संख्या बढ़ाने के लिए अस्थाई अस्पतालों का संचालन किया जाएगा। शहर में तीन जगह अस्थाई अस्पताल बनकर तैयार हैं। जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर में मरीजों को इलाज के लिए बेड कम पड़ रहे थे तो प्रशासन ने तय किया कि शहर में अस्थायी अस्पताल बनाकर मरीजों को इलाज दिया जाए। जबतक अस्थायी अस्पताल बनकर तैयार हुए, कोरोना संक्रमण का कहर समाप्ति पर था और मरीजों की संख्या बहुत कम हो चुकी थी। अब अधिकारियों का कहना है कि अगर तीसरी लहर में मरीजों की संख्या अधिक होगी, तो अस्थायी अस्पतालों का संचालन किया जाएगा। इसमें बेड आक्सीजन सुविधाओं से लैस होंगी। करीब 500 बेड के अस्थायी अस्पताल तैयार हैं। . दूसरी महामारी में एंबुलेंस संचालक अधिक किराया वसूल रहे थे, बहुत से मरीजों को एंबुलेंस तक नहीं मिली।

- प्रशासन ने एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक नंबर जारी किया और एंबुलेंस उपलब्ध कराई। यहां तक कि पुलिस ने अपनी पीसीआर गाड़ी तक मरीजों को उपलब्ध कराई। हां, कुछ एंबुलेंस के संचालकों ने मरीजों से चंद किलोमीटर की दूरी पर एक से दूसरे अस्पताल में ले जाने के लिए हजारों रुपये वसूले। यही नहीं कोरोना मरीज की मृत्यु के बाद शव को श्मशान स्थल पर ले जाने के लिए भी हजारों रुपये किराया लिया गया। इसके बाद प्रशासन द्वारा एंबुलेंस का किराया तय किया गया। प्रति किलोमीटर के हिसाब से रेट तय किए गए। अगर तीसरी लहर का कहर बढ़ता है तो एंबुलेंस संचालक तय किए हुए रेट से अधिक नहीं ले सकेंगे। अगर कोई लेता है तो वह प्रशासन में शिकायत कर सकता है।

. बाजार में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है, लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। क्या यह खतरा नहीं है?

- बिना मास्क लगाए बाजारों व अन्य स्थानों पर जो हुजूम उमड़ रहा है यह भविष्य के लिए खतरनाक है। लोगों को बचाव करना होगा। अगर हम बचाव बेहतर कर पाए तो तीसरी लहर अधिक नहीं फैल पाएगी। इसलिए जहां पर लोगों की अधिक संख्या हो, वहां बिना मास्क लगाए न जाएं। . जिले में सभी लोगों को कब तक पहला टीका लग जाएगा?

- हम 19 लाख से अधिक टीका लगा चुके हैं। तेजी से अभियान चल रहा है। आप स्वयं देख रहे हैं कि देश के बड़े शहरों में टीकाकरण करने के मामले में पहले-दूसरे पायदान पर हैं। हर रोज 15 हजार लोगों को टीका लगाया जा रहा है। कई बार 20 हजार तक लोगों को टीका लग रहा है। हमारा लक्ष्य है कि तीसरी लहर से पहले सभी को कम से कम पहला टीका लग जाए। . डेंगू -मलेरिया मच्छर का भी कहर शुरू होने वाला है, इसकी क्या तैयारी है?

- बारिश होने के साथ साथ शहर में बहुत जगह जलभराव है। ऐसे में डेंगू मच्छर का अधिक खतरा है। लोगों को अब कूलर बंद कर देने चाहिए। कूलर चला रहे हैं तो हर सप्ताह पानी का बदलाव व सफाई करें। छत पर गमले व टायर में पानी नहीं भरने दे। डेंगू-मलेरिया मच्छर को पनपने से रोकने के लिए जिले के एक एक व्यक्ति का सहयोग चाहिए। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग या नगर निगम मच्छर पनपने से नहीं रोक सकती। लोगों की जागरूकता ही रोक सकती है। सोमवार को हम सभी विभाग के साथ इस मुद्दे पर बैठकर कर रहे हैं और हर रविवार को जिले में ड्राई-डे चलाएंगे ताकि डेंगू-मलेरिया के मच्छर न पनप सकें। डेंगू मरीजों के इलाज के लिए सेक्टर दस अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया गया है।

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