धूमपान, तंबाकू, गुटखा सेवन बढ़ा रहा है कैंसर मरीजों की संख्या

कैंसर जैसी बीमारी की समय पर पहचान कर ली जाए तो मरीज को कोई परेशानी नहीं होगी। कैंसर रोग होने का एक कारण नहीं है। अगर इसके लिए सावधानी रखी जाए तो बेहतर इलाज कर मरीज का जीवन बचाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:28 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 05:28 PM (IST)
धूमपान, तंबाकू, गुटखा सेवन बढ़ा रहा है कैंसर मरीजों की संख्या
धूमपान, तंबाकू, गुटखा सेवन बढ़ा रहा है कैंसर मरीजों की संख्या

किसी भी रोग के प्रति जागरूक होना और इसके लक्षणों की समय पर पहचान करने से बीमारी का बेहतर इलाज किया जा सकता है। अगर ऐसे में कैंसर जैसी बीमारी की समय पर पहचान कर ली जाए तो मरीज को कोई परेशानी नहीं होगी। कैंसर रोग होने का एक कारण नहीं है। अगर इसके लिए सावधानी रखी जाए तो बेहतर इलाज कर मरीज का जीवन बचाया जा सकता है। डाक्टरों का कहना है कि देश में तंबाकू के कारण कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। धूमपान व तंबाकू के सेवन के कारण गले व पेट में कैंसर के मरीज बढ़ रहे है। कैंसर के कुल मामलों में करीब 33 फीसद का कारण किसी ना किसी प्रकार से तंबाकू का सेवन है। अगर तंबाकू का सेवन छोड़ दिया जाए तो देश से एक तिहाई कैंसर के मामले स्वयं खत्म हो जाएंगे। एक अनुमान के अनुसार देश में हर साल 20 लाख कैंसर के मामले आ रहे हैं। जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं उनमें कैंसर का खतरा सबसे अधिक रहता है। तंबाकू और कैंसर के बीच कितना गहरा संबंध है और इसके इस्तेमाल को किस प्रकार से छोड़ा जा सकता है।

महिलाओं में स्तन कैंसर के मरीज भी अधिक मिल रहे हैं। मरीज अपने आप पहचान कर समय पर डाक्टर को दिखा सकते हें। कोई भी महिला अपने घर पर स्वयं ब्रेस्ट में कैंसर गांठ महसूस कर सकती है। ब्रेस्ट में किसी भी तरह की गांठ की अनदेखी न करें। क्योंकि वह लगभग कैंसर की शुरुआत ही है। अगर शुरुआत में गांठ की पहचान व गांठ की पहचान कर ली जाए, तो बेहतर इलाज संभव है।

मंगलवार को दैनिक जागरण गुरुग्राम कार्यालय में हेलो जागरण का आयोजन किया गया। इसमें कोलंबिया एशिया अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डाक्टरों को बुलाया गया। इसमें जाने माने वरिष्ठ कैंसर रोग सर्जरी विशेषज्ञ डा. वेदांत काबरा और वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. पीयूष वाजपेयी ने एक घंटे तक लोगों को फोन पर कैंसर बीमारी के बचाव व इलाज संबंध में सलाह दी। इस दौरान ऐसे मामले अधिक आए जिसमें गले का कैंसर की शिकायत रही है। धूमपान व तंबाकू के कारण लोग इस बीमारी से ग्रस्त होते जा रहे है।

-------- . डाक्टर साहब मेरा नाम महेशचंद है। मुंह में छाले अधिक रहते हैं, क्या कैंसर के लक्षण है?

- छाले कैंसर के लक्षणों में शामिल हैं लेकिन आपको देखना होगा कि छाले कितने दिन रहते हैं और कब-कब हो रहे हैं। अगर छाले अधिक दिन रहते हैं तो उसकी जांच जरूर कराएं। अगर आप तंबाकू का सेवन कर रहे हैं तो सबसे पहले उसे छोड़ दें। कई बार छाले पेट खराब होने के कारण हो जाते हैं लेकिन यह अधिक समय तक नहीं रहते। आप का कहना है कि छोले अधिक समय रहते हैं तो यह जांच करना ही होगा। आप कहीं पर जांच करा लें लेकिन इसकी अनदेखी न करें। . मेरा नाम मोनू है। तंबाकू का सेवन और हुक्का पीता हूं। गले में गांठ बन रही है क्या कैंसर है?

- बिना जांच किए कहना कठिन होगा कि कैंसर है या नहीं। आप का कहना है कि आप तंबाकू का सेवन करते हैं और हुक्का पीते हैं तो कैंसर का अधिक खतरा होगा। तुरंत जांच करा लें। यह न समझें कि गांठ में दर्द नहीं है तो कोई खतरा नहीं है। क्योंकि इसमें दर्द कम ही होता है। अगर आपकी आवाज बदल रही है या खाना खाते समय परेशानी होती है तो समझ लीजिए की कैंसर का खतरा अधिक है। कई बार पानी पीते समय भी गले में परेशानी होती है।

. मेरी 74 वर्षीय माता राम भतेरी का कुछ माह पहले कैंसर का आपरेशन हुआ था। अब खाना कम खाती हैं।

- देखिए अगर खाना कम खा रही हैं तो उससे कोई परेशानी नहीं है। अगर वजन कम हो रहा है तो परेशानी का विषय है। आपके मुताबिक वजन कम नहीं हो रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। समय-समय पर उस डाक्टर से दिखाते रहिए जिनसे आपरेशन कराया है। . मेरे गले में गांठ है और दर्द नहीं है। क्या कैंसर है?

- गांठ में दर्द नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि कैंसर नहीं है। जांच करा लें उसी के बाद कुछ स्थिति साफ होगी। अगर आप धूमपान कर रहे हैं या तंबाकू का सेवन कर रहे हैं तो उसे छोड़ दें। अगर तंबाकू का सेवन नहीं कर रहे है तो भी गांठ की अनदेखी न करें और जल्द जांच करा लें। . मेरा नाम चंद्रशेखर है। जबड़ा सुन्न हो रखा है, क्या कैंसर है?

- कहना मुश्किल है। आप न्यूरो विशेषज्ञ से दिखा लें। अगर आप तंबाकू का सेवन और धूमपान करते हैं तो कैंसर होने के चांस अधिक हैं। दोनों की जांच करानी होगी। जल्द डाक्टर को दिखाएं। . डाक्टर साहब मेरा नाम मनीषा है। ब्रेस्ट में गांठ महसूस होती है लेकिन सूजन नहीं दिखती है।

- अच्छी बात है कि आप जागरूक हैं। गांठ की सूजन दिख नहीं रही है लेकिन आपको महसूस हो रहा है। आप घबराएं नहीं। डाक्टर से दिखा लें। अगर कोई शिकायत होगी, तो शुरुआती दौर में है। आपका इलाज बेहतर होने के चांस 100 प्रतिशत हैं। महिलाओं को अपने ब्रेस्ट को शीशे के सामने खड़े होकर देखना चाहिए और अगर ब्रेस्ट बड़ा-छोटा नजर आए या फिर गांठ महसूस हो, तो डाक्टर को दिखाने में देरी न करें। ब्रेस्ट कैंसर की शुरू में पहचान करने से आपरेशन कर कैंसर को जड़ से खत्म किया जा सकता है और ब्रेस्ट को बचा लिया जाएगा। अगर इलाज में देरी होती है तो ब्रेस्ट को बचाना मुश्किल होने के साथ कैंसर शरीर के अधिक जगह फैल चुका होगा। . मेरा नाम विरेंद्र है और गर्दन में गांठ है।

- आप जांच करा लें। कैंसर हो सकता है। आप यह न मानें कि कोई दर्द नहीं है तो कोई खतरा नहीं है। जांच कराना बहुत जरूरी है। क्योंकि अभी दर्द नहीं होगा लेकिन बाद में रोग बढ़ने के बाद दर्द होगा। इसलिए समय पर जांच व इलाज कराने में देरी न करें। कई बार लोग सोचते हैं कि वह तंबाकू का सेवन और धूमपान नहीं कर रहे हैं तो कैंसर होने की बात नहीं हो सकती। ऐसा सोचना गलत है, क्योंकि एनसीआर में वायु प्रदूषण अधिक होने के कारण ऐसे मरीज हमारे पास आए है जिन्हें कैंसर है और उन्होंने कभी तंबाकू का सेवन व धूमपान भी नहीं किया। उन्हें कैंसर होने का खतरा वायु प्रदूषण रहा है। ऐसा भी होता है कि हम धूमपान नहीं कर रहे है लेकिन धूमपान करने वालों के साथ रहते हैं उनके कारण भी कैंसर होने का खतरा बनता है।

. डाक्टर साहब मेरा नाम सुकेश है। मेरे मुंह में बार-बार छाले हो जाते हैं। क्या डरने की बात है?

-मुंह में छाले होने के कई कारण होते हैं। हो सकता है कि आपका पाचन तंत्र ठीक न हो। एसिडिटी के कारण भी छाले हो जाते हैं। अब यह छाले कैंसर वाले हैं कि नहीं बिना इसकी जांच किए कुछ नहीं कहा जा सकता है। अगर कोई छाला ठीक नहीं हो रहा है तो इसकी जांच कराना जरूरी है। अगर तंबाकू किसी रूप में ले रहे हैं छालों की वजह कैंसर भी हो सकता है। . मेरा नाम विक्रम है। पिछले कई सालों से तंबाकू का सेवन कर रहा हूं और अब इससे छुटकारा कैसे पा सकता हूं।

- अगर आप इसे छोड़ना चाहते हैं तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। इसे अपनी इच्छाशक्ति से छोड़ा जा सकता है। वहीं मनोवैज्ञानिक से भी इस मामले में सलाह ली जा सकती है। मेरे पास अधिकतर ऐसे मरीज आते हैं जिनको तंबाकू व गुटखा तथा सिगरेट पीने के चलते कैंसर हुआ। पहले नहीं छोड़ा पर जब शरीर साथ छोड़ने लगा तो सब छोड़ दिया। प्रतिज्ञा कर लें कि आज से तंबाकू उत्पाद का सेवन नहीं करेंगे तो अपने आप छूट जाएगा। . डाक्टर साहब मेरा नाम सुदेश है। मेरे मुंह में जख्म जैसा है। इसकी बायोप्सी कराया मगर पता नहीं चल पा रहा है कि यह कैंसर है या नहीं। अब डाक्टर बायोप्सी रिव्यू कराने के लिए कह रहे हैं। आप क्या सलाह देंगे?

- यह कैंसर है कि नहीं इसका पता लगाने के लिए बायोप्सी रिव्यू कराना जरूरी है। कई बार ऐसा होता है कि इस प्रकार की जांच में ठीक से पता नहीं चलता है कि कैंसर है कि नहीं है। इसलिए रिव्यू कराना जरूरी है। स्थिति स्पष्ट होगी तभी आपको राहत मिल सकती है। . मैं सेक्टर-10 से बोल रही हूं मेरा बेटा पिछले पांच सालों से गुटखा खा रहा है उसकी यह लत कैसे छुड़वाई जाए।

- आप अपने बेटे को किसी मनोवैज्ञानिक के पास ले जाएं। उसे बार-बार समझाने का प्रयास करें कि गुटखा खाना उसके स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। आजकल निकोटीन च्वींगम व निकोटीन पैचेज का इस्तेमाल तंबाकू की लत छुड़ाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। इनका भी सहारा लिया जा सकता है। . मैं राहुल बोल रहा हूं मेरे शरीर में एक गांठ है और सर्जन को दिखा चुका हूं वह कहते हैं कि नार्मल है। क्या यह कैंसर का कारण बन सकता है?

-अगर सर्जन ने कहा है कि नार्मल है तो घबराने की जरूरत नहीं है। अगर इसके आकार, रंग व दायरे में तब्दीली हो रही है तो इसे कैंसर माना जा सकता है। अन्यथा परेशान होने वाली जैसी बात नहीं है। . साहब मैं नितिन बोल रहा हूं। मुझे बीड़ी पीने की लत है अब इससे छुटकारा पाना चाहता हूं क्या करूं, सलाह दें।

-आप बीड़ी छोड़ना चाहते हैं तो यह अच्छी बात है। बीड़ी-सिगरेट में चार हजार प्रकार के केमिकल्स होते हैं, जो हमारे शरीर के अंगों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इससे कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। देश में 33 फीसद कैंसर धूमपान के कारण होता है। . डाक्टर साहब मेरे सिर में दर्द रहता है। क्या कैंसर का खतरा है?

- आप न्यूरो विशेषज्ञ से दिखाए। डाक्टर जांच कर आगे बताएंगे। सिरदर्द रहने के कई कारण है और जांच कराने से ही साफ होगा। कई बार व्यक्ति अधिक चितित रहता है तो वह सिरदर्द का कारण बनता है। बीपी हाई होना भी सिरदर्द का कारण बनता है लेकिन आप डाक्टर से मिलकर जांच कराएं। . डाक्टर साहब मैं बीस वर्ष से धूमपान कर रहा हूं अब छाती में भारीपन रहता है।

- जांच कराने की जरूरत है। देखना होगा कि आपको छाती में भारीपन क्यों लगता है। आप धूमपान कर रहे हैं तो कोई न कोई कारण जरूर बना होगा। डाक्टर को दिखाने में देरी न करें। आपने वर्षों तक धूमपान किया है तो इसका असर अब दिखेगा। आप हल्का भोजन करें और सुबह शाम वाक शुरू कर दें, इससे लाभ मिलेगा। . डाक्टर साहब क्या हाथ या पैर में गांठ होना भी कैंसर है?

- इसके चांस कम ही है लेकिन जांच जरूर करा लेनी चाहिए। जरूरी नहीं है वह कैंसर नहीं है तो कोई अन्य बीमारी नहीं होगी। इस लिए जांच करा लेने में कोई परेशानी नहीं होती चाहिए। . डाक्टर साहब बच्चेदानी निकाले बिना कैंसर का इलाज संभव है?

- यह सब मरीज की स्थिति पर निर्भर होता है। मरीज में रोग कितना फैला हुआ है यानी कितना गंभीर रोग है यह सब देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अगर किसी मरीज का रोग शुरुआती दौर में है तो उसे ठीक किया जा सकता है। हर मरीज का रोग अलग-अलग स्थिति में होता है। बहुत सी महिलाओं का ब्रेस्ट कैंसर का आपरेशन कर ब्रेस्ट बचा लिया जाता है और बहुत सी मरीजों को बचाने के लिए ब्रेस्ट निकाला ही पड़ता है। . डाक्टर साहब लड़कियां धूमपान करती हैं तो क्या उन्हें अधिक किस कैंसर का खतरा रहता है?

. ऐसा कुछ नहीं है कि उन्हें अलग से खतरा होगा या कम होगा। गले का कैंसर होने का खतरा रहेगा। पेट का कैंसर भी हो सकता है। टीबी भी हो सकती है। धूमपान करने वाली महिला में बच्चे की पैदाइश में परेशानी खड़ी हो सकती है। इसलिए महिलाओं को धूमपान करने से बचना होगा। आज बहुत लड़कियां धूमपान करना स्टेटस सिबल मान रही हैं जबकि वह जीवन को खतरे में डाल रही हैं।

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पैसिव स्मोकिग भी कैंसर का बड़ा कारण:

पैसिव स्मोकिग भी कैंसर का बड़ा कारण है। जो लोग किसी भी प्रकार से धूमपान नहीं करते हैं और वह ऐसा करने वालों के संपर्क में आते हैं तो उन्हें नुकसान पहुंचता है। सिगरेट और बीड़ी पीने वाले जब खुले में धुआं छोड़ते हैं तो इसका असर आसपास ऐसे लोगों पर भी पड़ता है जो स्मोकिग नहीं करते हैं। हाल में हुए एक शोधों से यह बात सामने आई है कि धूमपान करने वालों के बच्चों पर इसका सबसे अधिक हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

-- स्वस्थ भोजन कैंसर मुक्त जीवन:

- संतुलित और स्वस्थ आहार कैंसर से बचाव करता है।

- यह देखा गया है कि बड़ी आंत और स्तन का कैंसर उन लोगों में अधिक पाया जाता है जिनके आहार में मांस की अधिकता है और ताजी सब्जी, विटामिन ए और सी की कमी होती है।

- सादा शाकाहारी भोजन, फल और रेशेदार पदार्थ खाने से कैंसर होने की संभावना कम होती है।

- मोटापा कैंसर होने की संभावना को बढ़ाता है।

- प्राय: यह देखा जाता है कि लो लोग नियमित व्यायाम करते हैं और जो लोग मोटापे से मुक्त रहते हैं, उनमें कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है।

------ कैंसर के लक्षण:

- अकारण वजन घटना, भूख कम हो जाना और निगलने में तकलीफ

- मूत्र और शौच की रोजमर्रा आदतों में परिवर्तन

- जख्म या घाव का नहीं भरना

- पेशाब, पाखाने या बच्चेदानी के रास्ते में असामान्य रक्तस्त्राव होना या अन्य स्त्राव होना।

- स्तन, अंडकोष या शरीर के अन्य किसी भाग में गिल्टी या सख्त होना

- त्वचा, तिल या किसी मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन होना या उसमें घाव होना

- लगातार खांसी या गले में रुखापन, आवाज में बदलाव और सांस लेने में तकलीफ

----- सिगरेट और हुक्का पीना असुरक्षित:

जो लोग मानते हैं कि सिगरेट और हुक्का पीना सुरक्षित है वह अपना जीवन खतरे में डाल रहे हैं। लोगों का मानना है कि सिगरेट में फिल्टर लगा है तो सिगरेट पीने से नुकसान नहीं होगा। ऐसे ही कुछ लोगों का मानना है कि हुक्का का धुआं पानी से होकर गुजरता है तो खतरा नहीं है। ऐसा सोचने वाले गलत सोच रहे हैं और अपना जीवन खतरे में डाल रहे हैं। धूमपान से कैंसर के अलावा टीबी रोग भी होता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर करता है। गांवों में छोटे बच्चे सिगरेट और हुक्का पीने वालों के पास बैठे रहते हैं ऐसे में उन बच्चों के लिए भी खतरा है। धूमपान करने वालों का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के पास धूमपान न करें। धूमपान करने से दमा रोग भी होने का खतरा रहता है।

तंबाकू-गुटका:

कुछ लोग वर्षों तक तंबाकू व गुटका का सेवन करते हैं और उन्हें कुछ रोग नहीं होने के बाद दूसरों को अपना उदाहरण दिखाते हैं। ऐसे लोग समाज में गलत प्रचार करते हैं और तंबाकू व गुटका का सेवन करने के लिए प्रेरित करते हैं। कम ही चांस हैं कि तंबाकू व गुटका का सेवन करने वाले लोग स्वस्थ रहें। तंबाकू व गुटका का सेवन करने वाले को जल्द इसका परिणाम नहीं दिखेगा लेकिन जब दिखेगा तो बहुत देर हो चुकी होगी। जीवन खतरे में होने के साथ इलाज में पैसा भी बर्बाद होगा। जो लोग तंबाकू व गुटका का सेवन करते हैं वह स्वयं स्वस्थ हैं तो दूसरों को तंबाकू व गुटका का सेवन करने के लिए प्रेरित न करें। ऐसे बहुत कम लोग हैं जिन्होंने वर्षों तक शराब, तंबाकू व गुटका का सेवन किया और वह जीवन का अंतिम हिस्सा स्वस्थ बिता सके हैं।

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