अस्थमा रोगी को कोरोना संक्रमण से अधिक सावधान रहने की आवश्यकता: डा. काजल

अस्थमा रोगी के लिए वायु प्रदूषण सबसे अधिक घातक होता है। लाकडाउन में चलते वायु प्रदूषण एनसीआर के शहरों में कम हो रहा है तो अस्थमा रोगियों को राहत मिली हुई है लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अस्थमा रोगियों के लिए खतरा अधिक बढ़ा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 06:58 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 07:46 PM (IST)
अस्थमा रोगी को कोरोना संक्रमण से अधिक  सावधान रहने की आवश्यकता: डा. काजल
अस्थमा रोगी को कोरोना संक्रमण से अधिक सावधान रहने की आवश्यकता: डा. काजल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: अस्थमा रोगी के लिए वायु प्रदूषण सबसे अधिक घातक होता है। लाकडाउन में चलते वायु प्रदूषण एनसीआर के शहरों में कम हो रहा है तो अस्थमा रोगियों को राहत मिली हुई है लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अस्थमा रोगियों के लिए खतरा अधिक बढ़ा दिया है। डाक्टरों का कहना है कि इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब एक स्वस्थ व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो उसे आक्सीजन व वेंटिलेटर तक की जरूरत पड़ रही है। अगर ऐसे हालात में एक अस्थमा रोगी कोरोना संक्रमित हो गया, तो उसके लिए कितना खतरा बढ़ जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग की वरिष्ठ फिजिशियन डाक्टर काजल कुमुद का कहना है कि अस्थमा रोगी के फेफड़े पहले ही कमजोर होते हैं और कोरोना संक्रमण होने के बाद रोगी के लिए परेशानी दोगुना बढ़ जाएगी। रोगी ने बचाव पर ध्यान अधिक देना होगा। अगर हो सके तो अस्थमा रोगी घर में भी मास्क लगा रहे। डा. काजल ने कहा कि अगर अस्थमा रोगी को कोरोना संक्रमण हो जाता है तो उसे जल्द अस्पताल में भर्ती कराए। उस मरीज को आक्सीजन जरूर उपलब्ध करा देनी होगी। डाक्टर ने जो दवा अस्थमा रोग के लिए दे रखी है उन दवाओं को लेना न छोडे। अगर बुखार हो जाता है तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।

------ - सांस फूलने वाला कोई काम न करें।

- भीड़-भाड़ वाले इलाके में कतई न जाए।

- अगर संभव हो तो घर में अलग से कमरे में रहे, ताकि कोरोना से बचाव बेहतर रहे।

- घर में अगल कमरे में नहीं रह सकते, तो मास्क लगाकर रखे।

- अगर पार्क में घूमने जाना है तो तभी जाएं जब वहां कोई न हो।

- स्वयं कोई दवा न खाएं, डाक्टर से सलाह पर ही दवा लें।

- घर पर रहकर योग कर सकते हैं।

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