अस्पतालों का मरीज को लौटाने का नया बहाना, आक्सीजन नहीं है

शहर में कोरोना मरीजों की संख्या के हिसाब से आइसीयू वेंटिलेटर बेड उपलब्ध नहीं है। जो बेड हैं वह मरीजों से भरे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 04:21 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 04:21 PM (IST)
अस्पतालों का मरीज को लौटाने का नया बहाना, आक्सीजन नहीं है
अस्पतालों का मरीज को लौटाने का नया बहाना, आक्सीजन नहीं है

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर में कोरोना मरीजों की संख्या के हिसाब से आइसीयू, वेंटिलेटर बेड उपलब्ध नहीं है। जो बेड हैं वह मरीजों से भरे हुए हैं। मरीजों की हालत लगातार बिगड़ रही है और ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे थे। अब उनमें आक्सीजन का स्तर कम हो रहा है। ऐसे में मरीजों को स्वजन अस्पताल में भर्ती कराना चाह रहे हैं। लेकिन जब अस्पतालों में संपर्क किया जा रहा है तो अस्पताल की तरफ से यह नहीं कहा जा रहा है कि बेड नहीं है। बल्कि कुछ प्राइवेट अस्पतालों का एक नया ड्रामा शुरू हो गया है और कहा जा रहा है कि आक्सीजन नहीं है इसलिए मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे। दूसरी तरफ डिस्ट्रिक ड्रग कंट्रोलर अधिकारी अमनदीप चौहान का कहना है कि कोरोना मरीजों के लिए आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। हर रोज साढ़े नौ मीट्रिक टन आक्सीजन मंगाई जा रही है। उनका कहना है कि वह हर अस्पताल के संपर्क में हैं ताकि आक्सीजन की ना रहे।

दरअसल प्राइवेट अस्पतालों में 495 आइसीयू बेड व 233 वेंटिलेटर बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए हुए हैं और सभी पर मरीज भर्ती हैं। शहर में कोरोना मरीजों में आक्सीजन का स्तर तेजी से गिर रहा है और उन मरीजों को भर्ती कराना जरूरी है लेकिन कोई सुविधा नहीं है।

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