होम आइसोलेशन बढ़ा रहा है कोरोना मरीजों की संख्या
गुरुग्राम में इस समय दस हजार से अधिक कोरोना मरीजों की संख्या मौजूद है और इसमें दस हजार से अधिक ही मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुरुग्राम में इस समय दस हजार से अधिक कोरोना मरीजों की संख्या मौजूद है और इसमें दस हजार से अधिक ही मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं। मरीज के परिवार में अन्य सदस्यों को कोरोना संक्रमण होने का कारण होम आइसोलेशन बन रहा। यहां तक की मासूम बच्चों में भी कोरोना संक्रमण स्वजन के कारण फैल रहा है। बहुत ऐसे परिवार हैं जिनके पास घर में अधिक कमरे नहीं हैं और उन्हीं परिवारों के सदस्य कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे मरीजों को भर्ती किया ही जाना चाहिए। जैसे पिछले वर्ष दिल्ली में आइटीबीपी ने खुले में टेंट का आइसोलेशन सेंटर बनाया था। कुछ ऐसे ही किसी भी खुले इलाके में बड़ा आइसोलेशन सेंटर बनाया जाना चाहिए और उसमें उन मरीजों को भर्ती किया जाए जो कोरोना संक्रमित हैं, लेकिन गंभीर बीमार नहीं हैं। खासकर उन मरीजों को घर पर बिल्कुल न जाने देना दिया जाए जिनके पास घर पर अलग से कमरों की व्यापक व्यवस्था नहीं है। छोटे मकान में स्वजन को कोरोना संक्रमण होने का खतरा रहेगा।
डा. एसएस दलाल, पूर्व निदेशक, स्वास्थ्य विभाग हरियाणा ताऊ देवीलाल स्टेडियम में टेंट का आइसोलेशन सेंटर बनाया जा सकता है या ऐसी ही कोई ओर जगह। कोरोना संक्रमित मरीज को वहां पर रखा जाए। यहीं पर आक्सीजन की सुविधा दी जाए। ताकि जिन मरीजों में आक्सीजन का स्तर कम हो, उन्हें वहीं पर सुविधा मिल जाए। मरीज घर पर तभी जाने दिया जाए, तब वह कोरोना मुक्त हो चुका हो। अस्पतालों में उन्हीं मरीजों को रखा जाए, जिन्हें आइसीयू व वेंटिलेटर की जरूरत है। होम आइसोलेशन का नियम मरीजों की संख्या में इजाफा करने के अलावा कुछ नहीं करेगा। अगर किसी का घर बड़ा है और उसके पास अलग से कमरे में रहने की व्यवस्था है तो छूट देनी चाहिए, लेकिन इसके लिए स्वास्थ्य विभाग टीम जांच करे।
डा. भरत सिंह बिश्नोई, पूर्व निदेशक, स्वास्थ्य विभाग हरियाणा