मील का पत्थर साबित हुई आयुष्मान भारत योजना

आयुष्मान भारत योजना आर्थिक तौर से कमजोर परिवारों के स्वास्थ्य संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Jan 2021 07:07 PM (IST) Updated:Fri, 01 Jan 2021 07:07 PM (IST)
मील का पत्थर साबित हुई आयुष्मान भारत योजना
मील का पत्थर साबित हुई आयुष्मान भारत योजना

अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम

आयुष्मान भारत योजना आर्थिक तौर से कमजोर परिवारों के स्वास्थ्य संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है। दो वर्ष में पांच हजार से अधिक लोगों को लाभ मिल चुका है। वर्ष 2020 में स्वास्थ्य विभाग ने 2,641 लोगों का इलाज इस योजना के तहत कराया। जिन पर दो करोड़ से अधिक रुपये खर्च किए गए। स्वास्थ्य विभाग दो साल में साढ़े पांच हजार लोगों से अधिक लोगों पर तीन करोड़ से अधिक रुपये खर्च कर चुका है।

योजना के नोडल अधिकारी उप सिविल सर्जन डाक्टर एमपी सिंह ने बताया कि गुरुग्राम में 86,774 परिवारों को योजना में शामिल किया गया है। हर परिवार को पांच-पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा किया हुआ है। परिवार को कोई भी सदस्य बीमार होने पर पांच लाख रुपये तक का इलाज ले सकता है। उन्होंने कहा कि 27 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ हुआ था। डा. सिंह ने बताया कि गुरुग्राम के ग्रामीण इलाके में 19,075 परिवार और शहरी इलाके में 67,698 परिवारों को योजना में शामिल किया है। इन परिवारों में जितने भी सदस्य हैं, वह सभी पांच लाख रुपये तक का इलाज ले सकते हैं। डा. सिंह ने कहा कि दो वर्ष दो माह में 56,32 लोगों का इलाज कराया जा चुका है। 1,273 लोगों का सरकारी अस्पताल में इलाज कराया गया और 4,359 का प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराया है। डा. एमपी सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पताल में जिन मरीजों का इलाज कराया था उनके लिए 55 लाख 130 रुपये का बिल दिया गया है। इसी तरह प्राइवेट अस्पतालों में 3,38, 72,560 रुपये का बिल दिया गया है।

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26 प्राइवेट अस्पतालों की सुविधा गुरुग्राम सरकारी अस्पताल व पीएचसी के अलावा शहर में 26 प्राइवेट अस्पताल हैं जहां पर आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों का इलाज कराया जा रहा है। पांच प्राइवेट ओर अस्पताल जल्द जुड़ जाएंगे, जिनमें आयुष्मान भारत योजना में शामिल मरीजों का इलाज होगा।

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गोल्डन कार्ड बनवाएं आयुष्मान भारत योजना में शामिल जिले में 86,072 लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। किसी को तभी योजना का लाभ तभी मिलता है, जब उसका गोल्डन कार्ड बन चुका होगा। जो परिवार योजना में शामिल हैं, वे अपने परिजनों का गोल्डन कार्ड सिविल सर्जन कार्यालय में बनवा ले।

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