लंबे संघर्ष के बाद जिले में लिगानुपात अपने सबसे ऊपरी स्तर पर

गुरुग्राम में लंबे संघर्ष के बाद लिगानुपात अपने सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंचा है। इस बार स्वास्थ्य विभाग लिगानुपात के मामले में लंबी छलांग लगाने में कामयाब रहा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Jan 2021 06:45 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jan 2021 06:45 PM (IST)
लंबे संघर्ष के बाद जिले में लिगानुपात अपने सबसे ऊपरी स्तर पर
लंबे संघर्ष के बाद जिले में लिगानुपात अपने सबसे ऊपरी स्तर पर

अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम

गुरुग्राम में लंबे संघर्ष के बाद लिगानुपात अपने सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंचा है। इस बार स्वास्थ्य विभाग लिगानुपात के मामले में लंबी छलांग लगाने में कामयाब रहा। वर्ष 2015 में जब बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू हुआ था, तब गुरुग्राम में लिगानुपात 875.51 था और अब 918.94 तक पहुंच गया है। यहां तक पहुंचने में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का भ्रूण लिग जांच करने वाले डाक्टरों और दलालों के साथ बड़ा संघर्ष रहा। वर्ष 2020 में एक हजार लड़कों पर 918.94 लड़कियों का जन्म हुआ। जिले में कुल 39,135 शिशुओं का जन्म हुआ, जिनमें 20,394 लड़के और 18,741 लड़कियां शामिल हैं। बीते वर्ष 2019 में 1,000 लड़कों पर 910.38 लड़कियों ने जन्म दर्ज किया गया था।

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भ्रूण लिग जांच करने वालों पर हमने वर्ष 2020 में 11 छापेमारी की और 20 से ज्यादा आरोपियों को जेल भिजवाया। कुछ छापेमारी अन्य प्रदेशों में की है। क्योंकि उनके तार गुरुग्राम से जुड़े हुए थे। यूपी व दिल्ली में भ्रूण लिग जांच धंधा चोरी-छीपे चल रहा है। गुरुग्राम में अगर कोई इस धंधे से जुड़ा होगा तो वह जेल जाने से बच नहीं पाएगा।

-डा. अनिल गुप्ता, नोडल अधिकारी पीसी पीएनडीटी एवं एमटीपी

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गांवों में काम करने वाली स्वास्थ्य कर्मी, आशा वर्कर्स, गायनी वार्ड डाक्टर और भ्रूण लिग जांच करने वालों को पकड़ने वाली टीम की मेहनत का फल है कि हम लिगानुपात बढ़ाने में कामयाब रहे। सख्ती आगे भी जारी रहेगी। पानीपत में 22 जनवरी 2015 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया था, तब गुरुग्राम में 1,000 लड़कों पर 875.51 लड़कियों की संख्या दर्ज की गई थी और अब बेहतर आंकड़ों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

-डा. विरेंद्र यादव, सिविल सर्जन

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इंफो के लिए

2010 से 2020 तक जिले का लिगानुपात ::

वर्ष 2010 में 1,000 लड़कों पर 841 लड़कियों का जन्म हुआ और वर्ष 2011 में 849.6 व वर्ष 2012 में 841, वर्ष 2013 में 852, वर्ष 2014 में 843.24, वर्ष 2015 में 875.51,वर्ष 2016 में 883.84,वर्ष 2017 में 903.58,वर्ष 2018 में 901 और 2019 में 910.38 और 2020 में एक हजार लड़कों पर 918.94 लड़कियों का जन्म हुआ।

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