बिना जरूरत बार-बार कोरोना जांच कराने वालों पर दर्ज होगा केस
अगर कोई व्यक्ति बार बार कोरोना की जांच कराता है तो उसपर मामला दर्ज होगा। सिविल सर्जन (सीएमओ)डॉ. विरेंद्र यादव ने डॉक्टरों को आदेश दिए हैं कि ऐसे लोगों पर नजर रखे और पाए जाने पर मामला दर्ज कराया जाए।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: अगर कोई व्यक्ति बार-बार कोरोना की जांच कराता है, तो उसके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया जाएगा। सिविल सर्जन (सीएमओ) डॉ. विरेंद्र यादव ने डॉक्टरों को आदेश दिए हैं कि ऐसे लोगों पर नजर रखें और पकड़ में आने पर मामला दर्ज कराया जाए। सीएमओ ने कहा कि सेक्टर दस अस्पताल में ऐसे मरीज पहुंचे हैं जिन्हें कोरोना नहीं था फिर भी वह कुछ-कुछ दिनों बाद कोरोना की जांच कराने पहुंच जाते हैं। इसी तरह शहर में हर रोज लगने वाले कोरोना जांच शिविर में लोग पहुंच रहे हैं। उन्हें सोचना चाहिए कि इससे समय की बर्बादी के साथ संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है।
सीएमओ ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर)ने एक महीने पहले नई गाइडलोंस जारी कर यह साफ कर दिया था कि संक्रमित मरीजों को स्वस्थ घोषित करने के लिए दोबारा जांच कराने की जरूरत नहीं है। यदि संक्रमित मरीज को सैंपल लेने के दिन से लेकर अगले दस दिनों में सातवें और दसवें दिन के बीच बुखार नहीं होता, तो उसे स्वस्थ माना जाता है। सीएमओ ने आइसीएमआर के निर्देशों के बावजूद कई मरीज अभी भी बार-बार कोरोना जांच करा रहे हैं। इसके अलावा कई लोग स्वयं संतुष्टि के लिए भी महीने में एक बार कोरोना जांच कराने पहुंच जाते हैं।