मुफ्त इलाज से अंशु को मिला नया जीवन
बिहार-लखीसराय की रहने वाली 17 वर्षीय अंशु को शहर के सुपरस्पेशेलिटी नारायणा अस्पताल ने मुफ्त में इलाज कर नया जीवन दिया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: बिहार के लखीसराय की रहने वाली 17 वर्षीय अंशु को शहर के सुपर स्पेशियालिटी नारायणा अस्पताल ने मुफ्त में इलाज कर नया जीवन दिया। अंशु के दिल में छेद होने के कारण उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। अंशु के पिता विरेंद्र ने बताया कि जन्म से ही उसके दिल में छेद था और चार माह पहले पटना के सरकारी अस्पताल ने दिल्ली के सरकारी अस्पताल के लिए रेफर किया गया था लेकिन यहां पर मरीजों की लंबी लाइन के कारण ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था।
अस्पताल के रीजनल निदेशक कमांडर नवनीत बाली ने बताया कि अंशु का परिवार उनके संपर्क में आया था और उनके पास इलाज के लिए पैसा नहीं था। वहीं मरीज ज्यादा गंभीर थी और उसकी परेशानी बढ़ रही थी। जिसके बाद अस्पताल ने अंशु का मुफ्त में इलाज करने का फैसला किया। अंशु अब ठीक है और भविष्य में उसे कोई परेशानी नहीं होगी।
डॉ. रचित सक्सेना ने कहा कि सायनॉटिक हार्ट डिजीज के पीड़ितों को ब्लू बेबीज भी कहा जाता है। आमतौर पर इनका 3 से 5 वर्ष तक की उम्र में ऑपरेशन हो जाना चाहिए क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ परेशानी बढ़ जाती है। अंशु को तीन लार्ज कोलेटरल्स थे, जिनको करेक्टिव सर्जरी से पहले कोइलिग के द्वारा बंद किया गया और बाद में करेक्टिव सर्जरी की गई।