टेस्टिंग बढ़ने के बावजूद काफी घटी है कोरोना मरीजों की संख्या: डॉ. विरेंद्र

गुरुग्राम में कोरोना मरीजों की संख्या छह हजार के करीब हो चुकी है और नए मरीजों का मिलना जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 05:32 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 05:33 PM (IST)
टेस्टिंग बढ़ने के बावजूद काफी घटी है कोरोना मरीजों की संख्या: डॉ. विरेंद्र
टेस्टिंग बढ़ने के बावजूद काफी घटी है कोरोना मरीजों की संख्या: डॉ. विरेंद्र

जिले में कोरोना मरीजों की संख्या छह हजार के करीब हो चुकी है और नए मरीजों का मिलना जारी है। गुरुग्राम प्रदेश में सबसे ज्यादा मरीज संख्या और सबसे ज्यादा लोगों की जांच करने वाला जिला है। मरीज कोविड अस्पताल में जाने की बजाय घरों में होम आइसोलेशन में रहना पसंद कर रहे हैं। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग सैंपल लेने की संख्या बढ़ाने के साथ उन स्थानों पर कोरोना जांच शिविर लगा रहा है, जहां ज्यादा मरीज हैं। इसके बाद भी हालात जल्द सामान्य होते नहीं दिख रहे हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या चिता का कारण बना हुआ है। इन तमाम मुद्दों को लेकर सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव से दैनिक जागरण के अनिल भारद्वाज की खास बातचीत के मुख्य अंश :

. क्या वजह है कि नए कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा?

- यह सही है कि नए मरीज मिल रहे हैं लेकिन आप स्वयं देख रहे हैं कि अब मरीजों की संख्या कम मिल रही है। आज से 10-15 दिन पहले 200 से ज्यादा मरीज हर रोज मिल रहे थे और अब 100 के आसपास मरीजों की संख्या रहती है, जबकि हमने कोरोना की जांच करने की संख्या बढ़ा दी है। पहले 400 के करीब सैंपल लिए जाते थे और दो सौ के करीब मरीज मिलते थे और अब रोज ढाई हजार के करीब सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके बाद भी मरीजों की संख्या कम मिल रही है। लोगों में बचाव के प्रति जागरूकता बढ़ने के साथ अब कोरोना धीरे-धीरे कम हो रहा है। हम एक-एक कोरोना मरीज को खोज रहे हैं। इसके लिए तेजी से अभियान चला रखा है। जिले में हर रोज अलग-अलग जगह 12 से 15 जांच शिविर लगाए जा रहे हैं और अस्पताल में आने वालों के सैंपल लिए जा रहे हैं। - क्या कोरोना जांच शिविर लगाने में देरी नहीं हुई?

- देरी नहीं हुई है। जून महीने में सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। गुरुग्राम में कोरोना का पहला मरीज 14 मार्च को मिला था और 4 जुलाई को कोरोना मरीजों की संख्या 5829 है। 24 मार्च से 14 मई तक 190 मरीज मिले थे और 14 से 31 मई तक 605 कोरोना मरीज मिले व 1 जून से 30 जून तक 4552 मरीज मिले हैं। जून में जहां ज्यादा मरीज मिले हैं, वहां पर हम कोरोना जांच शिविर लगा रहे हैं। इसके तीन-तीन राउंड कर रहे हैं। एक से 14 जुलाई तक यह अभियान चलेगा। इसमें हर रोज 15-20 मरीज मिल रहे हैं। एक-एक मरीज की तलाश की जा रही है। - कोरोना मरीज अस्पताल में जाने के बजाय होम आइसोलेशन में जा रहे हैं। क्या लोगों को अस्पताल पर विश्वास नहीं?

- ऐसा नहीं है। आज हमारे पास बेड संख्या कम नहीं है और शहर के तमाम बड़े अस्पताल मरीजों को भर्ती कर रहे हैं। लोग स्वयं घर पर रहना पसंद कर रहे हैं क्योंकि इसमें आपको एक कमरे में रहना है ताकि दूसरों तक वायरस ना फैले। मरीज को जो दवा अस्पताल में लेनी है वह घर पर भी ले रहा है। अस्पताल में उन्हीं मरीजों का भर्ती होना जरूरी है, जो गंभीर हैं, यानी पहले ही कोई किसी बीमारी से ग्रस्त है और उसे कोरोना हो गया है। ऐसे में उसका अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है, ताकि किसी भी स्थिति में फौरन डॉक्टरी सहायता मिल सके।

. कहा जा रहा है रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट किट उसी मरीज को पॉजिटिव बताएगी, जिसमें ज्यादा वायरस हैं। ऐसे तो जिनमें कम वायरस हैं वह बच जाएंगे?

- ऐसा नहीं है। लेकिन जिस मरीज को बुखार है और रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट किट से जांच में उसे कोरोना वायरस से पॉजिटिव नहीं बताया गया है तो हम उसपर नजर रख रहे हैं। 3-4 दिन बाद उसका दोबारा सैंपल लेकर जांच कर रहे हैं। हमारा मकसद ही यह है कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं बचना चाहिए, जिसे कोरोना वायरस हो और वह खुले में घूमे। यह जांच हम इसी लिए कर रहे है कि कोरोना वायरस एक से दूसरे में ना फैले। . कोरोना वायरस कब तक समाप्त हो जाएगा ?

- हर रोज कोरोना के मरीज कम मिल रहे हैं, लेकिन कोरोना कब तक समाप्त हो जाएगा, इसके लिए सीमा तय नहीं कर सकते हैं। कोरोना तभी खत्म हुआ माना जा सकता है, जब एक भी मरीज ना मिले। वैसे कोरोना तभी खत्म होगा, जब हर व्यक्ति बचाव के नियमों का पालन करेगा। घर से निकलने के बाद शारीरिक दूरी का पालन बहुत जरूरी है। . लोग कहते हैं सीमएओ बैठकों में व्यस्त रहते हैं। क्या यह सही है?

- देखिए, डॉक्टरों के साथ बैठक करना जरूरी है। पूरे दिन का काम देखा जाता है कि जिनकी जो-जो जिम्मेदारी है, वह पूरी हुई या नहीं। उसके बाद कुछ बैठकें उच्च अधिकारियों के साथ होती हैं, जिनके समक्ष कोरोना संबंधित सभी रिपोर्टे रखी जाती हैं। कोरोना महामारी में गुरुग्राम के एक-एक व्यक्ति के स्वास्थ को लेकर उच्च अधिकारी चितित हैं। आज गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग में कोरोना मरीजों के लिए बहुत सुविधाएं बढ़ी हैं। यह सब उच्च अधिकारियों ने हर रोज जानकारी लेकर बढ़ाई हैं। इसी से आप सोच सकते हैं कि अधिकारी हर पल गुरुग्राम के लोगों के स्वास्थ्य की चिता कर रहे हैं। . कोरोना से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, गुरुग्राम में 99 लोगों की मौत हो चुकी है। क्या कोरोना वायरस खतरनाक होता जा रहा है?

- कोरोना वायरस जैसा शुरुआत में था वैसा ही आज है। हां, मरने वालों की संख्या बढ़ी है लेकिन आप देखेंगे, कि मरने वाले लोग वही हैं जिनकी ज्यादा आयु थी या फिर जो किसी ना किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे। ऐसे मरीजों के लिए कोरोना जानलेवा साबित हो रहा है। आपके अखबार में खबर पढ़ी है कि 80 साल के बुजुर्ग ने कोरोना से जीती जंग। यह वही बुजुर्ग हैं जो इस आयु में किसी बीमारी से ग्रस्त नहीं थे। . कोरोना मरीज की अब दोबारा जांच नहीं हो रही, उसे बिना जांच के घर भेजा रहा है। कैसे पता चलेगा कि वह कोरोना से ठीक हो गया?

- केंद्र सरकार की गाइडलाइंस है। जो मरीज होम आइसोलेशन में है उसे दस दिन तक होम आइसोलेशन में रहने की हिदायत है और अंतिम तीन दिन उसे कोई बुखार व अन्य परेशानी नहीं होती है तो उसे स्वस्थ मान लेते हैं। इसके बाद सात दिन घर ही रहने की हिदायत देते हैं। अगर मरीज अस्पताल में भर्ती है तो उसे 14 दिन रखते हैं और अंत के तीन दिन उसे बुखार नहीं है, तो वह स्वस्थ है। अब दोबारा जांच करने की जरूरत नहीं है। . कुछ मरीजों को बुखार, खांसी नहीं है और कोरोना ग्रस्त हैं। क्या कोरोना वायरस अपना रूप बदल कर सभी के लिए खतरा बढ़ा रहा है?

- ऐसा नहीं है। लेकिन हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी करने की जरूरत है। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी, उनके बीमार होने के चांस बहुत कम हैं।

--------

नाम : विरेंद्र यादव

जन्म स्थान : गांव बीरण, जिला भिवानी

शिक्षा : एमबीबीएस, रोहतक मेडिकल कॉलेज 1993

एमडी : रोहतक मेडिकल कॉलेज 2003

विशेषज्ञ : मेडिसिन

डीएम, कार्डियो : 2008

नियुक्ति : हरियाणा मेडिकल सर्विस 1995

सिविल सर्जन पद पर नियुक्ति : चरखी दादरी, करनाल, नूंह, गुरुग्राम

chat bot
आपका साथी