खुले आकाश के नीचे सोने को मजबूर नहीं होंगे हरिद्वार के संत

यदि अपनी मिट्टी से लगाव के साथ ही कुछ करने का जज्बा हो फिर सात समुंदर पार भी दूर नहीं। वहां से बैठकर बहुत कुछ किया जा सकता है। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं राष्ट्रीय सेवा भारती की अमेरिका इकाई के संयोजक व एनआरआइ प्रमोद राघव।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 06:49 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:07 PM (IST)
खुले आकाश के नीचे सोने को मजबूर नहीं होंगे हरिद्वार के संत
खुले आकाश के नीचे सोने को मजबूर नहीं होंगे हरिद्वार के संत

आदित्य राज, गुरुग्राम

यदि अपनी मिट्टी से लगाव के साथ ही कुछ करने का जज्बा हो फिर सात समुंदर पार भी दूर नहीं। वहां से बैठकर बहुत कुछ किया जा सकता है। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं राष्ट्रीय सेवा भारती की अमेरिका इकाई के संयोजक व एनआरआइ प्रमोद राघव। अपने देश में वह नि:स्वार्थ कदम नामक संगठन के माध्यम से सामाजिक कार्यों को बढ़-चढ़कर बढ़ावा दे रहे हैं। इसी दिशा में उन्होंने उत्तराखंड के हरिद्वार में खुले आकाश के नीचे सोने के लिए मजबूर संतों एवं अन्य लोगों को वाटरप्रूफ टेंट उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। एक महीने के भीतर वह अमेरिका से एक हजार टेंट भेजेंगे। इसे लगाने व हटाने में अधिक से अधिक पांच मिनट लगेंगे। यह पूरी तरह हवादार होगा। टेंट में इस तरह की सुविधा होगी कि नीचे कुछ बिछाने की भी आवश्यकता नहीं। उसमें कुछ भी बाहर से यानी कीड़े-मकोड़े, सांप या बिच्छु आदि प्रवेश नहीं कर सकेंगे।

मूल रूप से गुरुग्राम निवासी प्रमोद राघव की अमेरिका के आइटी सेक्टर में विशेष पहचान है। उनका गुरुग्राम में भी कारोबार है। समय-समय पर वह आते रहते हैं। अमेरिका के न्यूयार्क शहर में परिवार सहित वर्षों से रह रहे हैं। पिछले दिनों भारत आगमन के दौरान वे कई दिनों तक उत्तराखंड में ठहरे थे। उन्होंने महसूस किया कि हरिद्वार में काफी संत व अन्य लोग खुले में सोने को मजबूर हैं। इसे देखते हुए उनके मन में विचार आया कि क्यों न उन्हें ऐसी चीज उपलब्ध कराई जाए जिसे वे साथ लेकर घूमें। जहां पर रात में जगह मिले वहीं पर टेंट लगाकर सो जाएं।

इसे ध्यान में रखकर उन्होंने अमेरिका में टेंट बनाने वाली कई कंपनियों से संपर्क किया। फिर एक ऐसा टेंट सामने आया जिसे छोटे से बैग में रखकर चला जा सकता है। उसे कहीं भी पांच मिनट के भीतर खड़ा किया जा सकता है। उन्होंने एक हजार टेंट के लिए आर्डर कर दिया है। टेंट आने के बाद नि:स्वार्थ कदम के कार्यकर्ता हरिद्वार जाकर वितरित करेंगे। छोटे-छोटे प्रयास से बहुत लोगों को लाभ पहुंचाया जा सकता है। मैंने हरिद्वार में ही तीन एकड़ जमीन की व्यवस्था की है। उसमें आने वाले समय में आश्रम बनाने का विचार है। उसमें आकर संत व अन्य लोग ठहर सकेंगे। आश्रम में ही स्वास्थ्य से लेकर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। (अमेरिका से फोन पर बातचीत)

-प्रमोद राघव, संयोजक, राष्ट्रीय सेवा भारती अमेरिका व अध्यक्ष, नि:स्वार्थ कदम

chat bot
आपका साथी