हरेरा का आदेश, पजेशन में देरी पर शुल्क का भुगतान करे बिल्डर

हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) गुरुग्राम बेंच ने बुधवार को प्रमोटर सेपेस्ट प्रापर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को निर्देश दिए हैं कि वह आवंटियों को डिले पजेशन (कब्जा देने में देरी) शुल्क का भुगतान करे जो लगभग दो करोड़ रुपये बनते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 07:01 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 09:43 PM (IST)
हरेरा का आदेश, पजेशन में देरी पर शुल्क का भुगतान करे बिल्डर
हरेरा का आदेश, पजेशन में देरी पर शुल्क का भुगतान करे बिल्डर

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: द्वारका एक्सप्रेस-वे सेक्टर-106 में पारस डियूज नाम की एक रियल एस्टेट परियोजना का काम चल रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत आवंटियों को पजेशन (कब्जा) देने में प्रमोटर ने डेढ़ साल की देरी कर दी है। इस संबंध में मिली शिकायतों की सुनवाई करते हुए हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा), गुरुग्राम बेंच ने बुधवार को प्रमोटर सेपेस्ट प्रापर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को निर्देश दिए हैं कि वह आवंटियों को डिले पजेशन (कब्जा देने में देरी) शुल्क का भुगतान करे, जो लगभग दो करोड़ रुपये बनते हैं।

डा. केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में हरेरा बेंच ने पजेशन में देरी के मामले में यह फैसला सुनाया। बेंच ने सेक्टर-103 में सेलेने कंस्ट्रक्शंस लिमिटेड द्वारा विकसित किए जा रहे इंडिया बुल्स सेंट्रम पार्क नामक प्रोजेक्ट के मामले में भी इसी प्रकार के आदेश बिल्डर व प्रमोटर को दिए हैं। इस मामले में बिल्डर की ओर से आवंटियों को पजेशन देने में लगभग पांच साल की देरी की गई है।

एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए हरेरा गुरुग्राम ने रहेजा डेवलपर्स लिमिटेड के खिलाफ याचिका पर 2.61 करोड़ रुपये की राशि के लिए बैंक खाते को अटैच करने के आदेश दिए हैं। इसी प्रकार आयरियो ग्रेस रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ याचिका में प्राधिकरण ने बैंक मैनेजर को प्रमोटर के खातों के रिकार्ड के साथ प्रस्तुत होने के आदेश दिए हैं।

chat bot
आपका साथी