प्रतिदिन निकलने वाला 900 टन मिश्रित कूड़ा बना आफत

साइबर सिटी के घरों से प्रतिदिन निकलने वाला 900 टन मिश्रित कूड़ा आफत बन गया है। घरों में गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग नहीं रखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2020 12:12 PM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 12:38 PM (IST)
प्रतिदिन निकलने वाला 900 टन मिश्रित कूड़ा बना आफत
प्रतिदिन निकलने वाला 900 टन मिश्रित कूड़ा बना आफत

संदीप रतन, गुरुग्राम

साइबर सिटी के घरों से प्रतिदिन निकलने वाला 900 टन मिश्रित कूड़ा आफत बन गया है। घरों में गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग नहीं रखा जा रहा है। ऐसे में बंधवाड़ी लैंडफिल साइट (कचरा भराव क्षेत्र) पर यह मिश्रित कूड़ा पहुंच रहा है, जिसके निपटान में काफी परेशानी हो रही है। नियमानुसार गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करना जरूरी है। घरों में इसके लिए दो डस्टबिन रखे जाने चाहिए। फिलहाल बंधवाड़ी में 15 लाख टन से ज्यादा कूड़े का पहाड़ खड़ा हो चुका है।

मई और जून 2019 में नगर निगम की ओर से घरों में कचरा सेग्रीगेशन (सूखा और गीला कचरा अलग) नहीं रखने वालों पर जुर्माना लगाने की तैयारी की थी। इसके अलावा कचरा नहीं उठाने का भी फैसला लिया था, लेकिन डेढ़ साल बीतने के बाद भी इसे लागू नहीं किया गया है। इतना ही नहीं नगर निगम द्वारा चार माडल वार्ड बनाकर उनमें डोर टू डोर कचरा कलेक्शन सौ फीसद करने की भी योजना तैयार की थी, लेकिन यह आंकड़ा 70 फीसद भी नहीं पहुंचा है। ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के अनुसार सभी नागरिकों को अपने घरों में ही गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करना अनिवार्य है।

कंपोस्टिग यूनिट भी नहीं लगाई गई

बल्क वेस्ट जेनरेटरों यानी 50 किलो से ज्यादा कचरा रोजाना उत्पन्न करने वालों को कंपोस्टिग प्लांट लगाना जरूरी है, ताकि इससे खाद बनाई जा सके। जिले में 1800 से ज्यादा बल्क वेस्ट जेनरेटर हैं, लेकिन सिर्फ 150 के करीब बल्क वेस्ट जेनरेटर ने ही कंपोस्टिग यूनिट लगाई है। नगर निगम अधिकारियों ने कंपोस्टिग यूनिट नहीं लगाने वाले कुछ लोगों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना लगाकर खानापूर्ति कर ली है, लेकिन सख्ती नहीं बरतने के कारण यूनिट लगाने में लोग कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। ये है स्थिति

शहर में हैं 35 वार्ड

- करीब ढाई लाख घरों से कूड़ा उठाने का किया जा रहा है दावा।

- बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर पहुंचता है कूड़ा, लेकिन वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित नहीं होने से नहीं हो रहा है कूड़े का निपटान।

- मिश्रित कूड़े को ट्रोमल मशीनों से निपटान करने में भी होती है परेशानी।

-गीले कचरे में रसोई से निकलने वाले फल व सब्जियों आदि का कचरा है शामिल।

- घरों में गीला व सूखा कचरा अलग-अलग करने के लिए नगर निगम द्वारा नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। शहर को स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।

-धीरज कुमार, संयुक्त आयुक्त, स्वच्छ भारत मिशन।

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