नए कृषि कानून के विरोध में भारत बंद के असर से अछूता रहा जिला

नए कृषि सुधार कानूनों के विरोध में मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद का जिले में कोई असर नहीं दिखा। बाजार से लेकर परिवहन तक की स्थिति सामान्य रही। शहर के बाजारों में रोजाना की तरह ही दुकानें खुलीं और लोग खरीदारी के लिए पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Dec 2020 06:30 PM (IST) Updated:Tue, 08 Dec 2020 08:38 PM (IST)
नए कृषि कानून के विरोध में भारत  बंद के असर से अछूता रहा जिला
नए कृषि कानून के विरोध में भारत बंद के असर से अछूता रहा जिला

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नए कृषि सुधार कानूनों के विरोध में मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद का जिले में कोई असर नहीं दिखा। बाजार से लेकर परिवहन तक की स्थिति सामान्य रही। शहर के बाजारों में रोजाना की तरह ही दुकानें खुलीं और लोग खरीदारी के लिए पहुंचे। वहीं सिरहौल बार्डर पर वाहनों की आवाजाही जारी रही। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे से लेकर शहर के आंतरिक भागों में परिवहन व्यवस्था भी सामान्य रूप से जारी रही। रोडवेज की सिटी बसें अपने निर्धारित रूट पर चली। भारत बंद को जिन राजनीतिक दलों समर्थन दिया था उनके स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में इसे लेकर कोई उत्साह नहीं दिखा। विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की ओर से झाड़सा चौक पर कृषि कानूनों के विरोध में शांतिपूर्ण धरना दिया गया।

गुरुग्राम में सदर बाजार, सेक्टर-14, सेक्टर-4, गलेरिया मार्केट, हांगकांग बाजार, सेक्टर-31 मार्केट, एमजी रोड और सोहना रोड के माल्स एवं शापिग कांप्लेक्स दिन भर खुले रहे। यहां के कारोबारियों ने बताया कि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। शहर के विभिन्न बाजारों में जो दुकानें सुबह 10 बजे के बाद खुलती थीं उनमें से काफी उससे पहले ही मंगलवार को खुल गईं। रोजाना की तरह से दुकानों पर लोगों ने खरीदारी की। दोपहर बाद बाजारों में अच्छी खासी लोगों की संख्या रही। सदर बाजार के कारोबारी राजीव का कहना है कि भारत बंद को लेकर बाजार में किसी प्रकार की परेशानी नहीं दिखी।

भारत बंद के आह्वान को देखते हुए शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस के जवान तैनात रहे। सीमावर्ती क्षेत्रों में भी पुलिस की तगड़ी सुरक्षा रही। पुलिस बल किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी से सड़क पर डटे रहे। रोडवेज डिपो से चलने वाली सिटी बसें रोजाना की तरह से अपनी सेवाएं दे रही थीं। यात्रियों का कहना है कि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी शहर के अंदर आने-जाने में नहीं हुई। जिन लोगों को शहर से बाहर जाना था उन्होंने भारत बंद की घोषणा को देखते हुए एहतियातन नहीं जाने का निर्णय लिया।

उद्यमियों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्रों में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा। केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से रोजाना गुरुग्राम आने वाला औद्योगिक स्टाफ अपनी कंपनी तक नहीं पहुंच पाया। बड़ी संख्या में लोगों ने सावधानी के मद्देनजर छुट्टी ले ली थी। इस कारण फैक्ट्रियों में कम स्टाफ से कहीं काम हुआ। किसानों के आंदोलन के कारण औद्योगिक माल की ढुलाई लगातार प्रभावित है।

अधिवक्ताओं ने भी काम बंद रखा

जासं, गुरुग्राम : तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन का अधिवक्ताओं ने भी समर्थन किया। मंगलवार को जिला अदालत परिसर में अधिवक्ताओं ने किसानों की मांग के समर्थन में एक दिन का काम बंद रखा। जिला बार एसोसिएशन की ओर से जिला उपायुक्त अमित खत्री को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग की।

जिला बार एसोसिएशन के प्रधान अभय सिंह दायमा ने कहा कि पूरी जिला बार एसोसिएशन किसानों के साथ है। किसान अन्नदाता हैं। किसान अपने हक के लिए सड़कों पर उतरने पर मजबूर हुआ है और सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील कर रहा है। ज्ञापन सौंपने वालों में जिला बार एसोसिएशन के उप-प्रधान राहुल डागर, संयुक्त सचिव संदीप यादव, प्रवेश यादव, संजीव शर्मा, प्रीतम चौहान, ललित राघव, विनोद राघव, देविेंद्र रावत, महा सिंह यादव, बालकिशन भारद्वाज सहित कई अधिवक्ता शामिल रहे। वहीं सोहना मंडी में आढ़तियों ने दुकान बंद कर बंद का समर्थन किया। आढ़तियों ने नए कृषि कानून को किसानों के लिए अहितकर बताया।

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