भाजपा कार्यालय में मनाई गई गुरु रविदास जयंती

संत शिरोमणि गुरु रविदास की जयंती भाजपा जिला कार्यालय में धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ रही।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 08:36 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 08:36 PM (IST)
भाजपा कार्यालय में मनाई गई गुरु रविदास जयंती
भाजपा कार्यालय में मनाई गई गुरु रविदास जयंती

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम:

संत शिरोमणि गुरु रविदास की जयंती भाजपा जिला कार्यालय में धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ रही। कार्यालय सचिव यादराम जोया ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

यादराम जोया ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संत रविदास जैसे महापुरुषों के आदर्शों पर चलने और उनके जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। 650 वर्ष पहले जिन विचारों की रोशनी से संत रविदास ने समाज को जगमग किया था। आज भी समाज को उन जैसे विचारकों की जरूरत है।

जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ ने कहा कि रविदास समाज और साहित्य से महात्मा के रूप में समझे जाते हैं। उन्होंने कहा था कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। जिसके मन में गंगा जैसे निर्मल भाव होते हैं। वही परमात्मा का असली भक्त होता है। अहंकार को पूर्ण रूप से त्याग कर की गई भक्ति ही असली भक्ति होती है।

कार्यक्रम में जिला महामंत्री मनीष गाडौली, महेश यादव कार्टरपुरी, जिला उपाध्यक्ष राजेश अरोड़ा, निगम पार्षद रविद्र यादव, जिला सह मीडिया प्रभारी जितेंद्र चौहान, मीडिया प्रभारी अजीत यादव, युवा मोर्चा के पंकज यादव, सत्यपाल चोपड़ा, नगर निगम पार्षद कुलदीप यादव के अलावा जिला कार्यकारिणी के सदस्य युवा मोर्चा कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। वही जैकबपुरा स्थित रविदास मंदिर में उनकी जयंती पर भव्य कार्यक्रम हुआ।

किसान मोर्चा ने मनाई जयंती

राजीव चौक पास संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी नए कृषि कानूनों के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं।

। मोर्चा के जिलाध्यक्ष संतोख सिंह, आरएस राठी, गजेसिंह कबलाना ने बताया कि धरना स्थल पर किसान, मजदूर दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें संत रविदास की जयंती भी मनाई गई और क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के

बलिदान दिवस पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने लोगों को शिक्षा दी थी कि अहंकार का त्याग कर ही जीवन में सुख-शांति रह सकती है, लेकिन केंद्र सरकार किसानों से बात तक करने के तैयार नहीं है।

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