कच्चे माल पर जीएसटी घटा संकट काल में उद्योगों को राहत दे सरकार

उद्यमियों का कहना है कि कच्चे माल की बढ़ती कीमत के अनुसार बड़े उद्योग उन्हें आर्डर देने को तैयार नहीं है और पुराने रेट पर आर्डर लेना अब संभव नहीं रहा। उनका कहना है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 संकट के दौर में जिस प्रकार से औद्योगिक हालात खराब हुए हैं ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 07:17 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:17 PM (IST)
कच्चे माल पर जीएसटी घटा संकट काल में उद्योगों को राहत दे सरकार
कच्चे माल पर जीएसटी घटा संकट काल में उद्योगों को राहत दे सरकार

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

जब से औद्योगिक कच्चे माल की कीमत में बेतहाशा वृद्धि से माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) सेक्टर के लिए कारोबारी स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण हो गई है। उद्यमियों का कहना है कि कच्चे माल की बढ़ती कीमत के अनुसार बड़े उद्योग उन्हें आर्डर देने को तैयार नहीं है और पुराने रेट पर आर्डर लेना अब संभव नहीं रहा। उनका कहना है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 संकट के दौर में जिस प्रकार से औद्योगिक हालात खराब हुए हैं, ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। औद्योगिक संगठनों द्वारा मांग की जा रही है कि सरकार कच्चे माल पर प्रभावी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की दर को घटाए।

लगभग सभी प्रकार के औद्योगिक कच्चे माल पर 18 से 28 प्रतिशत तक जीएसटी दर निर्धारित है। जो कि औद्योगिक संकट के इस दौर में अधिक है। कच्चे माल की कीमत 50 से 150 प्रतिशत या इससे भी अधिक महंगी होने के कारण एमएसएमई क्षेत्र के लिए काम करना काफी मुश्किल हो गया है जो बड़े उद्योगों के लिए काम करते हैं। इससे सबसे अधिक परेशानी आटोमोबाइल, इंजीनियरिग और फर्नीचर के क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को हो रही है। इनका कहना है कि इन्हीं उद्योगों में स्टील, लोहा, रबर और प्लास्टिक से संबंधित कच्चे माल का इस्तेमाल किया जाता है।

गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना है कि कोरोना महामारी की मार झेल रहे उद्योग जगत के लिए कच्चे माल की महंगाई अभिशाप साबित हो रही है। इस मामले में केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए। जीएसटी दर कम करने के साथ-साथ छोटे उद्योगों को सरकार कच्चे माल की खरीद पर सब्सिडी भी दे नहीं तो इनका काम करना मुश्किल हो जाएगा। कच्चे माल की महंगाई ने एमएसएमई क्षेत्र की कमर तोड़ दी है। सरकार को चाहिए कि कच्चे माल पर प्रभावी जीएसटी दर को 12 प्रतिशत पर लाना चाहिए। ऐसा होता तो इससे उद्योगों को त्वरित राहत मिलेगी। पुराने रेट के आधार पर आर्डर लेना एमएसएमई संबंधित आर्डर लेना घाटे का सौदा हो रहा है।

दीपक मैनी, प्रदेश महासचिव, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री

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औद्योगिक कच्चे माल की महंगाई उद्योग जगत के लिए विकट स्थिति पैदा कर रहा है। मेरी केंद्र सरकार से मांग है कि कच्चे माल के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाना चाहिए। अभी 50 प्रतिशत उत्पादन ही उद्योगों में हो रहे हैं। ऐसे में कच्चे माल का महंगा होना दुखद स्थित पैदा कर रहा है।

अशोक कोहली, अध्यक्ष, चैंबर आफ इंडस्ट्रीज आफ उद्योग विहार

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