प्राइवेट कालोनियों में बिजली कनेक्शन के लिए नई पालिसी बनाएंगे : मनोहर लाल

जागरण संवाददाता गुरुग्राम मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा प्राइवेट डेवलेपर द्वारा विकसित ऐसी क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 08:52 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 08:52 PM (IST)
प्राइवेट कालोनियों में बिजली कनेक्शन के लिए नई पालिसी बनाएंगे : मनोहर लाल
प्राइवेट कालोनियों में बिजली कनेक्शन के लिए नई पालिसी बनाएंगे : मनोहर लाल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा प्राइवेट डेवलेपर द्वारा विकसित ऐसी कालोनियां, जिनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर में छोड़ी गई कमी की वजह से बिजली के स्थाई व अस्थायी कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं, उनके लिए राज्य सरकार जल्द पालिसी बनाने जा रही है। इससे कालोनियों में रहने वालों को राहत मिलेगी।

यह घोषणा मुख्यमंत्री ने शनिवार को गुरुग्राम में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता करने के दौरान की। उनके सामने 17 शिकायतें रखी गई थीं, जिनमें से ज्यादातर का उन्होंने मौके पर निपटारा कर दिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित मनोनीत सदस्यों द्वारा उठाई गई जनहित की समस्याओं को भी सुना और उनके समाधान के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

सुशांत लोक-एक, दो और तीन, पालम विहार, साउथ सिटी-एक और दो, मालिबु टाउन, आरडी सिटी, मेफिल्ड गार्डन, उप्पल साउथेंड, सनसिटी, विपुल व‌र्ल्ड, सरस्वती कुंज सहित 16 प्राइवेट कालोनियों में डेवलपर द्वारा छोड़ी गई इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से उपभोक्ताओं को स्थाई व अस्थायी बिजली कनेक्शन देना बंद करने का मामला आज मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया गया। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे उपभोक्ताओं के लिए तीन तरह की ग्रुपिग करके नई पालिसी बनाई जा रही है, ताकि उन कालोनियों में रहने वालों को राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने बताया कि जिन उपभोक्ताओं ने ईडीसी का सारा पैसा डेवलपर के पास जमा करवा दिया है, वह पैसा उससे लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर किया जाएगा और उपभोक्ताओं को कनेक्शन जारी किए जाएंगे। इसी प्रकार, जिन उपभोक्ताओं का ईडीसी का पैसा लंबित है, उनसे वह राशि भरवाकर इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरा करके कनेक्शन दिए जाएंगे।

इसी प्रकार, डीएलएफ फेज-तीन में बिजली, पानी, सड़क आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी की शिकायत का निपटारा करते हुए मुख्यमंत्री ने डीएलएफ के प्रतिनिधि से कहा कि इन कमियों को दूर करके 31 दिसंबर को यह कालोनी नगर निगम को हैंडओवर कर दें। उसके बाद नगर निगम अगले 15 दिन में डैफिसिट इन्फ्रास्ट्रक्चर का सर्वे करवाएगा और कहीं कमी पाई जाती है तो उसका एस्टिमेट बनाकर डीएलएफ को देगा। एस्टिमेट के अनुसार डीएलएफ को धनराशि जमा करवानी पड़ेगी, जिससे उस कमी को निगम दूर करेगा। इसी तर्ज पर 14 अन्य कालोनियों में कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन कालोनियों के मामले में त्रिपक्षीय अग्रीमेंट करें, जिसमें नगर निगम, संबंधित डेवलपर तथा जिला नगर योजनाकार शामिल हो और नियम अनुसार इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरा करवाने की जिम्मेदारी जिला नगर योजनाकार की रहेगी।

मुख्यमंत्री ने गांव सिकंदरपुर बढ़ा की ड्रेन का गंदा पानी सेक्टर-84 के रिहायशी क्षेत्र में आने की शिकायत दूर करने के निर्देश दिए। गांव पलड़ा में हनुमान मंदिर से लेकर पलड़ा-सकतपुररोड तक की सड़क पर अवैध निर्माण किए किए जाने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने उपायुक्त डा. यश गर्ग को सौंपते हुए कहा कि अवैध निर्माण हटवाएं और रिकार्ड देखकर संबंधित सरकारी एजेंसी से सड़क का रखरखाव करवाएं। सेक्टर पंद्रह पार्ट-टू के रोज गार्डन का सुंदरीकरण करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।

बैठक में मुख्यमंत्री के सेफ्टी एडवाइजर अनिल राव, राजनीतिक सचिव अजय गौड़, मीडिया सलाहकार अमित आर्य, मीडिया को-आर्डिनेटर मुकेश वशिष्ठ, बादशाहपुर के विधायक एवं हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज के चेयरमैन राकेश दौलताबाद, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता, भाजपा जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़, भाजपा नेता जवाहर यादव सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

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जिला खेल अधिकारी को सीएम ने किया निलंबित

ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में नहीं आना जिला खेल अधिकारी को भारी पड़ गया। गांव खंडेवला में खेल से संबंधित एक समस्या आने पर जिला खेल अधिकारी जेजी बनर्जी को बुलाया गया, लेकिन वह बैठक में बिना किसी सूचना के अनुपस्थित पाए गए जिसके बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए।

जिला खेल अधिकारी के खिलाफ स्विमिग पूलों के लाइसेंस कमेटी बनाने को लेकर भी करीब तीन माह पहले उपायुक्त कार्यालय में शिकायत हुई थी।

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कृषि भूमि की पहचान कर लगेगी बड़ी स्टैंप

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अब शहरी इलाको में जहां 7ए लागू है, वहां राजस्व रिकार्ड में कृषि भूमि को चिह्नित करने के लिए बड़ी स्टैंप लगाई जाएगी। इससे रजिस्ट्री के समय उसकी पहचान आसानी से की जा सके और उसकी रजिस्ट्री प्लाट के तौर पर न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है। डीएपी की थोड़ी कमी है, लेकिन हमने उसकी जगह विकल्प के तौर पर एक दूसरी खाद एसएसपी को इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इस बारे में कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि किसानों को ये दोनों खाद उपलब्ध करवाई जाएं, ताकि सही समय पर सरसों की बिजाई हो सके।

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