पाठक पैनल: जमीन पर नहीं दिखती हैं सरकार की योजनाएं

बरसात में गुरुग्राम की जैसी हालत हो जाती है वह बड़ी दयनीय है। सरकार सड़क बिजली पानी और वर्षा जल निकासी से संबंधित जो भी योजनाएं बनाती है उसका जमीनी स्तर पर असर नहीं दिखता है। जन समस्याओं को हल करने के मामले में सरकारी विभागों के अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:21 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:21 PM (IST)
पाठक पैनल: जमीन पर नहीं दिखती हैं सरकार की योजनाएं
पाठक पैनल: जमीन पर नहीं दिखती हैं सरकार की योजनाएं

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: बरसात में गुरुग्राम की जैसी हालत हो जाती है, वह बड़ी दयनीय है। सरकार सड़क, बिजली, पानी और वर्षा जल निकासी से संबंधित जो भी योजनाएं बनाती है, उसका जमीनी स्तर पर असर नहीं दिखता है। जन समस्याओं को हल करने के मामले में सरकारी विभागों के अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है। वह साल-दर-साल सिर्फ आश्वासन ही देते हैं। धरातल पर काम नहीं दिखता है। रोजाना गुरुग्राम से प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ तक बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। अभी लोगों के लिए यह सफर काफी मुश्किल भरा रहता है। अगर गुरुग्राम से चंडीगढ़ के लिए सीधी ट्रेन चला दी जाए तो लोगों का भला हो जाए। पिछले कई सालों से इसे लेकर मांग की जा रही हैं, मगर इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

यह बातें बुधवार को ओल्ड ज्यूडिशियल कांप्लेक्स स्थित दैनिक जागरण के कार्यालय में आयोजित 'पाठक पैनल' में दैनिक जागरण के पाठकों ने कहीं। तेज बारिश व सड़कों पर हुए जलभराव के बाद भी सुधी पाठक पैनल के सदस्य समय पर पहुंचे। शिक्षाविद डा. अशोक दिवाकर ने कहा कि कोविड-19 के दौरान दैनिक जागरण की रिपोर्टिंग बेहद सकारात्मक रही। उन्होंने कहा कि जागरण ने तालाबों के मुद्दे भी प्रमुखता से उठाता है। डा. दिवाकर ने कहा कि गुरुग्राम से चंडीगढ़ तक ट्रेन चलाना बहुत जरूरी है। इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलिपिक को लेकर दैनिक जागरण द्वारा तिरंगा फहराने का जो कार्यक्रम आयोजित किया, वह काफी प्रेरणादायी साबित हुआ।

गुड़गांव सिटिजन काउंसिल के महासचिव टीएन कौल ने कहा कि बारिश होने के बाद शहर की हालत पूरी तरह से खराब हो जाती है। जहां स्विटजरलैंड जैसे देश के लोग बारिश के बाद खुश हो जाते हैं और बाहर निकलते हैं वहीं गुरुग्राम के लोगों को घरों में बैठना पड़ता है। उन्होंने कहा कि डीएमआरसी मेट्रो के परिचालन का समय ऐसा हो कि गुरुग्राम के लोग भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलने वाली शताब्दी ट्रेन को पकड़ सकें। कौल ने कहा कि शहर में बुनियादी सुविधाओं का भारी अभाव है। बारिश के बाद शहर में भारी जलभराव हो जाता है। इसका ठोस उपाय करना होगा। सिर्फ आश्वासन से ही काम नहीं चलेगा।

सेवानिवृत्त प्रोफेसर बीएस खोखर ने कहा गुरुग्राम में अच्छी छवि व काम कराने वाले अधिकारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। यदि अधिकारियों में इच्छा शक्ति होती तो प्रदेश को साठ फीसद से अधिक राजस्व देने वाले इस शहर की हालत थोड़ी से बारिश में खराब नहीं होती। पुराने नालों तक की सफाई नहीं कराई जाती है।

विपुल व‌र्ल्ड सोसायटी के ए ब्लाक आरडब्ल्यूए के महासचिव व सीए प्रदीप यादव ने कहा नगर निगम व जीएमडीए के गठन के बाद भी शहर का विकास योजना बनाकर नहीं हो रहा है। सरकारी दावे जमीन पर नहीं दिख रहे हैं। बारिश होने पर घर से निकले लोगों को यकीन नहीं होता कि कार या बाइक से घर पहुंच जाएंगे। पीएन सिंह ने कहा कि गुरुग्राम के लोगों के लिए बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है। बिजली संकट दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। इसके निदान की ओर ध्यान देने की जरूरत है।

आरडब्ल्यूए सेक्टर-56 के अध्यक्ष हरीश यादव ने कहा कि लोगों की समस्या के प्रति अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है। आरडब्ल्यूए द्वारा लगातार सीवर, बिजली, पानी और बरसाती पानी निकासी से संबंधित मुद्दा उठाया जाता है, मगर समाधान के प्रति अधिकारी रुचि नहीं लेते हैं। समाजसेवी जोगिदर सिंह ने कहा कि बुनियादी समस्या के समाधान के प्रति सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। रेल विहार आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष डीडी शर्मा ड्रेनेज की ठीक ढंग से सफाई ठीक से नहीं होती है इस कारण जलभराव होता है।

सामाजिक संगठन कैनविन के संस्थापक तथा रेलवे बोर्ड सलाहकार समिति के सदस्य डीपी गोयल ने कहा कि जनता से जुड़े मुद्दों का त्वरित गति से समाधान होना चाहिए। लेबर ला एडवाइजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएल शर्मा ने कहा कि औद्योगिक श्रमिकों की संख्या के मुकाबले शहर में ईएसआइ अस्पतालों की संख्या काफी कम है। नियम के मुताबिक प्रति एक लाख की आबादी पर एक ईएसआइ अस्पताल होना चाहिए। कर्नल (रिटा.) सतपाल राघव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को सजग होने की जरूरत है। अरावली के संरक्षण के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को कदम उठाने चाहिए। अधिकारियों ने सलाह को समझ लिया शिकायत

दैनिक जागरण के पाठक पैनल में पहुंचे सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी डा. पीएन सिंह ने बताया उन्होंने पुलिस आयुक्त कार्यालय में एक सुझाव पत्र भेजा था। इसमें जिक्र किया गया था आरडब्ल्यूए और पुलिस के बीच बेहतर तालमेल किस प्रकार से रखा जा सकता है। कार्यालय से यह पत्र थानों को भेज दिया गया। डा. सिंह ने बताया कि उनके पास पांच थानों से फोन आए कि आप अपनी शिकायत थाने में दीजिए। सलाह को भी ठीक से नहीं समझा जाता है।

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