सावन की झड़ी में यह पानी की नहीं, अव्यवस्था की है बाढ़

साइबर हब की चकाचौंध भले ही हर किसी को आकर्षित करती हो लेकिन ये बनता-बिगड़ता शहर है। न किसी महकमे के पास प्लानिग है और न ही कोई तैयारी। नतीजन हर मानसून की बारिश जिम्मेदारों को आईना दिखा देती है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 05:38 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 05:38 PM (IST)
सावन की झड़ी में यह पानी की नहीं, अव्यवस्था की है बाढ़
सावन की झड़ी में यह पानी की नहीं, अव्यवस्था की है बाढ़

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर हब की चकाचौंध भले ही हर किसी को आकर्षित करती हो, लेकिन ये बनता-बिगड़ता शहर है। न किसी महकमे के पास प्लानिग है और न ही कोई तैयारी। नतीजन, हर मानसून की बारिश जिम्मेदारों को आईना दिखा देती है। बुधवार दोपहर तक हुई 70 एमएम बारिश से हर तरफ अव्यवस्था की बाढ़ आ गई। कई इलाके जलमग्न हो गए और जगह-जगह ट्रैफिक जाम लगा। मंगलवार रात से ही रुक-रुक कर हो रही बारिश सुबह मूसलधार हो गई। सावन की झड़ी लग गई और सेक्टरों, कालोनियों से लेकर सुपर पाश इलाकों में भी जलभराव ने परेशानी बढ़ा दी।

कई जगहों पर दो से तीन फुट तक जलभराव से पानी में वाहन बंद हो गए। शहर में नेटवर्क कंपनियों द्वारा सड़कों की खोदाई, सीवर लाइनों व बरसाती नालों की सफाई नहीं होने, पुराना दिल्ली रोड व सोहना रोड पर अंडरपास व फ्लाईओवर निर्माण के चलते जलभराव हो रहा है। सेक्टर सात, सेक्टर 9 व 9 ए और सेक्टर 15 सहित काफी जगहों पर घरों में भी बारिश का पानी घुस गया। नगर निगम सेक्टर 34 कार्यालय के पीछे मार्बल मार्केट में भी काफी जलभराव हो गया। इन जगहों पर बारिश के साथ आफत

- दिल्ली-जयपुर हाइवे और इसकी सर्विस लेन बारिश से जलमग्न हो गई। दिन में कई बार ट्रैफिक जाम लगा।

- सिविल लाइंस, राजीव चौक, लघु सचिवालय के समीप दोनों तरफ की सड़क पर बारिश का पानी भरने से ट्रैफिक जाम हुआ।

- बसई चौक, पटौदी रोड, उमंग भारद्वाज चौक पर जलभराव हुआ। वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई।

- बस स्टैंड परिसर, न्यू कालोनी, सेक्टर चार-सात चौक।

- सेक्टर दस, सात, चार, पांच सेक्टर 15 पार्ट -एक, दो में घरों के आगे व झाड़सा बांध के नजदीक सड़क पानी में डूब गई।

- इफको चौक, सेक्टर 44, सुशांत लोक, एमडीआइ चौक पर दो से ढाई फुट जलजमाव हुआ।

- मेफील्ड गार्डन, नाथुपुर सब्जी मंडी, गैलेरिया मार्केट ट्रैफिक लाइट के समीप।

- टीकरी कट, धनकोट, पुराना दिल्ली रोड पर ज्वाला मील के नजदीक।

- उद्योग विहार में कंपनियों के परिसर व मुख्य सड़क।

- मेदांता अंडरपास के नजदीक।

- कापसहेड़ा बार्डर, इफको चौक, मानेसर आइएमटी चौक।

ये महकमे हैं जिम्मेदार

नगर निगम

जीएमडीए (गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिटी )

एचएसवीपी (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण)

एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ) मानसून के लिए कितना तैयार था शहर

नगर निगम: करीब डेढ़ महीने पहले पद संभालने वाले नए निगमायुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने जून में जलभराव से निपटने के कार्याें का निरीक्षण करने के लिए खूब दौरे किए। हकीकत यह कि सभी वार्डों में जलभराव रोकने के लिए टेंडर प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई। फिर भी कई जगहों पर इंतजाम किए गए हैं। जीएमडीए: अरावली में कुछ चेक डैम बनाए हैं, जिसके चलते गोल्फकोर्स और नए गुरुग्राम में जलभराव से राहत है। मुख्य ड्रेनों की सफाई के अलावा खांडसा में बादशाहपुर ड्रेन को चौड़ा किया गया है। अंडरपासों के पंपों की माक ड्रिल भी की गई थी। एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। एचएसवीपी: इस विभाग के पास अब ज्यादा जिम्मेदारी नहीं है। लेकिन सेक्टर 29 इस विभाग के अधीन है और मंगलवार को यहां मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल के नजदीक ही जलभराव हो गया था। एनएचएआइ: हाईवे के नालों की सफाई का जिम्मा इस विभाग के पास है। कितना काम हुआ है ये बारिश के पानी में डूबा दिल्ली-जयपुर हाइवे ही बता रहा है। हर साल यह परेशानी क्यों: जून या जुलाई में मानसून के पहुंचने या ऐन वक्त पर नालों की सफाई के टेंडर लगते हैं। लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। होना क्या होना चाहिए: जीएमडीए या नगर निगम को अपनी ड्रेनों या बरसाती नालों की सफाई के लिए एक या इससे ज्यादा एजेंसियों को पूरे साल का मरम्मत एवं रखरखाव का जिम्मा सौंपना चाहिए। नागरिकों की भी है जिम्मेदारी: घरों के आगे ऊंचे रैंप न बनाएं। बरसाती नालों में सीवर के कनेक्शन न जोड़ें। पेयजल या सीवर कनेक्शन के लिए खुद सड़कों को न तोड़े। सीवर में डेयरियों का अपशिष्ट न बहाएं। कहां कितनी बारिश हुई

स्थान- बारिश हुई (एमएम में)

गुरुग्राम- 92

कादीपुर- 65

हरसरू- 65

वजीराबाद- 37

सोहना-12

मानेसर- 76

पटौदी- 62

फरुखनगर- 51

बादशाहपुर- 32

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