पड़ोस के जिलों तक भटक आए, नहीं मिल रही डीएपी

मानेसर पटौदी तथा फरुखनगर क्षेत्र में डीएपी (डाई अमोनियम फास्फेट) खाद की कमी के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में किसानों को पिछले काफी समय से डीएपी नहीं मिल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 04:09 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:28 PM (IST)
पड़ोस के जिलों तक भटक आए, नहीं मिल रही डीएपी
पड़ोस के जिलों तक भटक आए, नहीं मिल रही डीएपी

जागरण संवाददाता, मानेसर: मानेसर पटौदी, तथा फरुखनगर क्षेत्र में डीएपी (डाई अमोनियम फास्फेट) खाद की कमी के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में किसानों को पिछले काफी समय से डीएपी नहीं मिल रही है। इससे सरसों की बोआई में भी देरी हो रही है। किसानों का कहना है कि डीएपी फसल की बोआई से पहले डाली जाती है, बिना डीएपी खाद के फसल की बोआई करने पर अच्छी पैदावार नहीं होती है।

अमूमन अक्टूबर के मध्य से सरसों की बोआई शुरू कर दी जाती है। अब खाद जितनी देरी से मिलेगी सरसों की बोआई भी उतनी ही देरी से होगी। किसानों के सामने यह सबसे बड़ी समस्या आ गई है। कई जगह तो डीएपी आने की सूचना ही नहीं मिलती और बड़े जमीदारों को खाद दे दी गई। डीएपी के लिए यहां के किसान रेवाड़ी, झज्जर और दिल्ली तक भटक चुके हैं लेकिन उन्हें कहीं नहीं मिली।

कहीं भी खाद नहीं मिल रहा है। रोजाना दुकानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। गुरुग्राम के अलावा रेवाड़ी और झज्जर में भी डीएपी नहीं मिली। रोजाना एक दूसरी जगह फोन पर बात करने पर खाद नहीं आने की बात कह दी जाती है।

- कमल सिंह, किसान जितनी देरी से डीएपी मिलेगी उतनी ही देरी फसल की बोआई में होगी। इससे आगे आने वाले समय में काफी दिक्कत होगी। अगर सरसों की फसल देरी से बोई गई तो कटाई के समय बारिश का डर रहेगा।

-वेद सिंह, किसान खेतों को फसल की बोआई के लिए तैयार किया जा चुका है। अब डीएपी नहीं मिलने से काफी दिक्कत होगी। एक दो दिन में खेतों की नमी भी सूख जाएगी। इसके बाद फिर से पानी देने का खर्च किसानों पर बढ़ जाएगा। जल्द ही डीएपी की कमी को दूर किया जाना चाहिए।

-देवेंद्र यादव, किसान इन दिनों में किसानों के सामने खाद की सबसे ज्यादा समस्या रहती है। पहले डीएपी नहीं मिलती। कुछ दिन बाद यूरिया की कमी आ जाएगी। फसल में खाद डाले बिना बोआई करने पर अच्छी पैदावार नहीं होती है। इस तरफ सरकार को ध्यान देना चाहिए।

- अभय सिंह, किसान

डीएपी पीछे से ही नहीं आ रही है। कोशिश जारी है। डीएपी नहीं मिलने पर किसान एसएसपी (सिगल सुपर फास्फेट) डाल का बोआई कर सकते हैं। यह डीएपी की तरह की काम करती है। बाजार में आसानी से मिल रही है। डीएपी के मुकाबले सस्ती भी है। इसके लिए किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है।

-डा. यश गर्ग, उपायुक्त

किसानों को खाद नहीं मिली तो प्रदर्शन करेगी कांग्रेस: सुधीर चौधरी

(फोटो 21 जीयूआर 10)

जागरण संवाददाता, मानेसर: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य सुधीर चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों को कभी एमएसपी तो कभी खाद के लिए भटकना पड़ रहा है। सरकार केवल सत्ता सुख भोगने में लगी है और किसान रोजाना परेशान हो रहे हैं। सुधीर चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रदेशभर में किसान सरकार का विरोध कर रहे हैं। गुरुग्राम जिले में पिछले दस दिनों से डीएपी का संकट किसानों के सामने खड़ा है। कीमत से अधिक रेट पर भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है। रोजाना किसान खाद के लिए घर से निकलते हैं और शाम को बिना खाद लिए घर जाते हैं। बोआई में देरी हो रही है। अधिकारी भी खाद नहीं होने की बात कह देते हैं।

सुधीर चौधरी ने कहा कि पटौदी क्षेत्र में किसान खेती पर ही निर्भर हैं। इनको खाद नहीं मिलने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब फरुखनगर क्षेत्र में मुख्यमंत्री के आने का कार्यक्रम हुआ तो वहां पहले ही एक ट्रक खाद पहुंचा दी गई ताकि किसान विरोध न करें। यह किसानों के साथ धोखा है। अगर किसानों को जल्द ही खाद उपलब्ध नहीं कराई गई तो कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान मनोज यादव और दुष्यंत यादव भी मौजूद रहे।

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