सरसों की अच्छी पैदावार के लिए किसान एसएसपी का उपयोग करें

उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि किसानों को दो मुख्य बिदुओं पर ध्यान देना चाहिए। पहला बीज व दूसरा उर्वरक। यदि बीज का चुनाव सही है मगर सही उर्वरक का उपयोग नहीं होगा तो फसल की उत्पादन क्षमता प्रभावित होगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:01 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:01 PM (IST)
सरसों की अच्छी पैदावार के लिए किसान एसएसपी का उपयोग करें
सरसों की अच्छी पैदावार के लिए किसान एसएसपी का उपयोग करें

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि रबी की फसलों की बुवाई का सीजन शुरू हो गया है। इसलिए किसानों को दो मुख्य बिदुओं पर ध्यान देना चाहिए। पहला बीज व दूसरा उर्वरक। यदि बीज का चुनाव सही है मगर, सही उर्वरक का उपयोग नहीं होगा तो फसल की उत्पादन क्षमता प्रभावित होगी। उन्होंने किसानों को सलाह दिया कि वह डीएपी (डाई अमोनियम फास्फेट) के बजाय एसएसपी (सिगल सुपर फास्फेट) का प्रयोग करें।

उपायुक्त ने बताया कि सरसों के बेहतर उत्पादन के लिए किसानों को बीज की बुवाई से पूर्व एसएसपी का उपयोग न केवल पौधों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाता है। बल्कि यह फसल की गुणवत्ता में भी वृद्धि करने वाला होता है। उन्होंने कहा कि किसान आज भी सरसों की फसल के लिए डीएपी खाद पर निर्भर है जबकि बाजार में इसकी तुलना में कम दाम पर बेहतर विकल्प उपलब्ध है।

कृषि विभाग के अधिकारी नवीन यादव ने बताया कि किसान सरसों की बिजाई के लिए एक एकड़ में 50 किलो डीएपी का उपयोग करता है, जिसमें 46 प्रतिशत फास्फेट तथा 18 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है। यह खाद जमीन में जल्दी घुलनशील होती है इसलिए बीज के अंकुरण के समय पौधे को इसका कम लाभ मिलता है। इसके साथ ही तिलहन फसलों के लिए सल्फर सबसे आवश्यक तत्व है, इसकी मात्रा डीएपी में शून्य प्रतिशत होती है। वहीं एसएसपी में 14 प्रतिशत फास्फेट और सल्फर की मात्रा 11 प्रतिशत होती है।

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