हर व्यक्ति को अपने बचाव के लिए पैरवी करने का अधिकार: न्यायमूर्ति ललित

नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने रविवार को हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के प्रदेशव्यापी एक वर्षीय सभी को न्याय दिलाने में कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता अहम है नाम के अभियान का शुभारंभ किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:44 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:59 PM (IST)
हर व्यक्ति को अपने बचाव के लिए पैरवी  करने का अधिकार: न्यायमूर्ति ललित
हर व्यक्ति को अपने बचाव के लिए पैरवी करने का अधिकार: न्यायमूर्ति ललित

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने रविवार को हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (हालसा) के प्रदेशव्यापी एक वर्षीय 'सभी को न्याय दिलाने में कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता अहम है' नाम के अभियान का शुभारंभ किया। सेक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में आयोजित समारोह के दौरान सभी को सुलभ न्याय प्राप्त करने में सहायक सुविधाओं और सूचनापरक पोस्टर भी लांच किए गए। इनमें लीगल एड काउंसल व लीगल एड प्राप्तकर्ता के लिए वीडियो कंसल्टेशन सुविधा, प्रदेश के 18 विधिक सेवाएं प्राधिकरण के फ्रंट आफिस कार्यालयों में किड्स जोन, आम जनता को प्री-अरेस्ट, अरेस्ट व रिमांड स्टेज के दौरान प्राप्त अधिकारों की जागरूकता के लिए आठ प्रकार के सूचनापरक पोस्टर शामिल हैं। इसके अलावा जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन) एक्ट पर आधारित एक शार्ट फिल्म तथा लोगों को प्री-अरेस्ट तथा अरेस्ट के दौरान प्राप्त अधिकारों के बारे में एनिमेटेड फिल्म भी रिलीज की गई।

समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने हालसा के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश की अन्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण को भी हरियाणा द्वारा शुरू की गई पहल का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि के अवसर पर सभी को सुलभ न्याय दिलाने की दिशा में हरियाणा ने कई पहल शुरू की हैं। लोकमान्य तिलक पर तत्कालीन सरकार ने राजद्रोह का केस चलाया था और उस समय लोकमान्य तिलक ने खुद कोर्ट के सामने अपने केस की पैरवी की थी, जिसके लिए उनकी मांग पर न्यायाधीशों की लाइब्रेरी खोल दी गई थी।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविशंकर झा ने कहा कि कोविड काल में भी हालसा सक्रिय रहा। इस एक वर्ष में 23 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा पीड़ितों में वितरित किया गया जो कि पिछले चार वर्षों की तुलना में अधिक था। लगभग 250 टीकाकरण शिविर लगाए गए।

हालसा के कार्यकारी अध्यक्ष एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजन गुप्ता तथा एवं गुरुग्राम सेशन डिवीजन के एडमिनिस्ट्रेटिव जज जसवंत सिंह ने भी विचार रखे। समारोह में पंजाब विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय तिवारी, उच्च न्यायालय की विधिक सेवाएं कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एजी मसीह, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, नालसा के सदस्य सचिव अशोक जैन, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल संजीव बेरी आदि भी शामिल हुए। समारोह के बाद न्यायमूर्ति राजन गुप्ता ने स्थानीय न्यायिक अधिकारियों के साथ भोंडसी जेल का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने भोंडसी थाने के साथ ही, साइबर क्राइम सेल एवं सेक्टर-51 महिला थाने का भी निरीक्षण किया।

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